Mumbai ONTV News: हाईलाइट्स –
अवैध हॉकर्स (फेरीवालों) से परेशान मुंबईकरों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
हाई कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए स्थायी समाधान की मांग की।
मुंबई के फुटपाथ और सड़कें अवैध विक्रेताओं के कब्जे में, पैदल चलना हुआ दूभर।
कोर्ट ने हॉकर्स की समस्या से निपटने के सुझाव मांगे।
याचिका का विवरण
मुंबई के निवासियों ने अवैध हॉकर्स की बढ़ती समस्या से तंग आकर बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की है। बोरिवली के एक निवासी ने हॉकर्स द्वारा पैदल मार्गों को अवरुद्ध करने का मुद्दा उठाया था। इसी याचिका को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मुंबई में व्याप्त इस समस्या पर अंकुश लगाने की कार्यवाही शुरू की है। (Mumbai ONTV News)
हाई कोर्ट का हस्तक्षेप
कोर्ट ने बीएमसी से पूछा – “हॉकर्स को स्थायी रूप से हटाने में क्या समस्या है ?”
नाराज कोर्ट ने कहा – “आप मुंबईकरों को सड़कों पर चलने को मजबूर कर रहे हैं।”
बीएमसी के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था, सिर्फ इतना कहा कि हॉकर्स हमेशा वापस आ जाते हैं।
कोर्ट ने कहा – “फुटपाथ मुंबईकरों के चलने के लिए हैं, उन पर हॉकर्स काबिज हैं। अगर कुछ हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन होगा?”
बॉम्बे हाई कोर्ट के इस कदम को मुंबईकरों का काफी समर्थन मिल रहा है। हॉकर्स की समस्या से निपटने और फुटपाथों को खाली कराने के लिए बीएमसी पर कानूनी दबाव बढ़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी। (Mumbai ONTV News)
क्या कहते हैं मुंबईकर?
परेशान मुंबईकरों का कहना है कि बीएमसी अपनी ड्यूटी में नाकाम रही है, इसलिए लोगों को हाई कोर्ट जाना पड़ा। अधिकारी सिर्फ लाइसेंस देने की व्यवस्था देखते हैं, बिना लाइसेंस के भी बड़े पैमाने पर हॉकर्स कारोबार करते हैं।
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