भारत में वैवाहिक बलात्कार यानी मैरिटल रेप (Marital Rape) का मुद्दा लंबे समय से बहस का विषय बना हुआ है। हाल ही में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद इस पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। अदालत ने एक पति को पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध (Unnatural Sexual Act) बनाने के आरोप से ये कहते हुए बरी कर दिया कि भारतीय कानून में इसे अपराध नहीं माना जाता। इस फैसले के बाद देशभर में ये सवाल उठ रहा है कि क्या पत्नी अपने ही पति पर रेप का आरोप लगा सकती है?
भारत में मैरिटल रेप का कानूनी पक्ष
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 375 (Section 375 IPC) बलात्कार को परिभाषित करती है, लेकिन इसमें एक अपवाद भी है। कानून के अनुसार, यदि पत्नी की उम्र 15 साल से अधिक है, तो पति द्वारा उसके साथ जबरदस्ती बनाए गए यौन संबंध को बलात्कार नहीं माना जाएगा।
हालांकि, नया भारतीय न्याय संहिता (BNS 2023) में ये उम्र बढ़ाकर 18 साल कर दी गई है, लेकिन फिर भी शादीशुदा महिलाओं को ये कानूनी सुरक्षा नहीं मिलती। यानी, अगर पत्नी वयस्क है, तो पति पर रेप का केस नहीं हो सकता, भले ही संबंध जबरदस्ती बनाए गए हों।
कोर्ट के फैसले और विरोधाभास
2017 में इंडिपेंडेंट थॉट बनाम भारत सरकार (Independent Thought vs UOI) केस में सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ बनाए गए यौन संबंध को रेप माना जाएगा। हालांकि, इसके बाद अलग-अलग अदालतों ने इस विषय पर अलग-अलग राय दी है:
2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि नाबालिग पत्नी के साथ सहमति से भी यौन संबंध रेप के दायरे में आएंगे।
2024 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फैसला दिया कि पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध रेप नहीं है, चाहे वो सहमति से हो या नहीं।
2018 में नवतेज सिंह जौहर केस में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को आंशिक रूप से रद्द कर दिया, जिससे सहमति से समलैंगिक संबंध अपराध की श्रेणी से बाहर हो गए।
इन फैसलों से साफ है कि भारत में मैरिटल रेप पर कानून स्पष्ट नहीं है और अदालतों के निर्णय भी अलग-अलग रहे हैं।
क्या पत्नी कानूनी कार्रवाई कर सकती है?
हालांकि भारतीय कानून पति को रेप के मामले में छूट देता है, लेकिन पत्नी के पास कुछ और कानूनी विकल्प उपलब्ध हैं:
घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 (Domestic Violence Act 2005) – अगर पति शारीरिक शोषण करता है, तो पत्नी इस कानून के तहत शिकायत दर्ज करा सकती है।
IPC धारा 498A – यदि पत्नी के साथ क्रूरता की जाती है, तो ये धारा लागू हो सकती है।
निर्भया एक्ट (Criminal Law Amendment 2013) – अगर शारीरिक हिंसा गंभीर हो, तो पत्नी इस कानून का सहारा ले सकती है।
दुनिया के अन्य देशों में मैरिटल रेप का कानून
भारत के अलावा कई देशों में भी पहले मैरिटल रेप को अपराध नहीं माना जाता था, लेकिन समय के साथ कानून बदले गए।
यूके (UK) – 1991 में मैरिटल रेप को अपराध घोषित कर दिया गया।
अमेरिका (USA) – सभी 50 राज्यों में इसे गैरकानूनी माना जाता है।
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन सहित 77 देशों में इसे अपराध घोषित किया जा चुका है।
सऊदी अरब, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और 34 देशों में अभी भी इसे अपराध नहीं माना जाता।
क्या भारत में मैरिटल रेप कानून बदलेगा?
पिछले कुछ वर्षों में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने भारत में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग उठाई है। हालांकि, सरकार का कहना है कि ये “भारतीय पारिवारिक संरचना” के खिलाफ होगा और इससे शादी की संस्था कमजोर हो सकती है।
फिलहाल, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। अगर अदालत इस पर कोई ठोस फैसला देती है, तो भारत में मैरिटल रेप कानून में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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