प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी और PMO के प्रमुख डॉ. पीके मिश्रा की कहानी बेहद दिलचस्प है। ये वो शख्स हैं जो पिछले 10 सालों से मोदी सरकार की नीतियों और फैसलों में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
एक किसान परिवार से आने वाले पीके मिश्रा ने अपनी मेहनत और लगन से ब्यूरोक्रेसी में अपना एक अलग मुकाम बनाया। 1972 बैच के IAS अफसर मिश्रा 2014 में रिटायर होने के बाद से ही पीएम मोदी के साथ जुड़ गए और उनके बेहद भरोसेमंद सलाहकार बन गए।
कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मिश्रा का लंबा अनुभव है। कृषि सचिव के तौर पर उन्होंने RKVY और NSM जैसी अहम योजनाओं को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही ऊर्जा, फाइनेंस और रेगुलेटरी मामलों में भी उन्होंने अपनी विशेषज्ञता साबित की है।
2014 से 2019 तक अतिरिक्त प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में और बाद में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर मिश्रा सीधे पीएम मोदी को रिपोर्ट करते आए हैं। उनकी सलाह पर कई अहम फैसले लिए गए हैं। वरिष्ठ नौकरशाहों की नियुक्तियों और ट्रांसफर पोस्टिंग में भी उनका अहम रोल रहा है।
पीके मिश्रा की दूरदर्शिता और कुशल प्रबंधन की वजह से उन्हें UN सासाकावा अवॉर्ड 2019 से भी नवाजा गया। शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में भी उनका योगदान सराहनीय रहा है।
एक गरीब किसान का बेटा जो PMO का सबसे ताकतवर अफसर बन गया – पीके मिश्रा की कहानी प्रेरणादायक है। अपने दम पर बुलंदियों को छूने वाले इस शख्स ने साबित किया है कि मेहनत और ईमानदारी से आप कितनी भी ऊंचाइयों को छू सकते हैं।