प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में महाराष्ट्र के डिंडोरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच है कि देश की सरकारें जितना भी बजट बनाती हैं, उसका 15 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ अल्पसंख्यकों पर खर्च किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, “कांग्रेस बजट का बंटवारा धर्म के आधार पर करना चाहती है। वे चाहते हैं कि जितना भी बजट बनता है, उसके 15 प्रतिशत हिस्से का खर्च सिर्फ अल्पसंख्यकों पर ही किया जाए।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस तरह के बंटवारे की अनुमति नहीं देगी क्योंकि यह देश के लिए खतरनाक होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस जनसभा में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि “नकली शिवसेना” (उद्धव ठाकरे गुट) और “नकली राष्ट्रवादी पार्टी” (शरद पवार गुट) का कांग्रेस में विलय होना तय है। उन्होंने इस संभावित विलय को स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे के सपनों के विपरीत बताया और आरोप लगाया कि “नकली शिवसेना” ने बाला साहेब के हर सपने को चूर-चूर कर दिया है।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी ने एक तरफ कांग्रेस पर धर्म के आधार पर बजट के बंटवारे का आरोप लगाया, तो दूसरी तरफ शिवसेना और एनसीपी के संभावित कांग्रेस में विलय को बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा के खिलाफ बताया। इन बयानों से उनकी रणनीति स्पष्ट होती है कि वे महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
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