Mumbai Crime News: मुंबई पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहर में महिलाओं के खिलाफ अपराध चिंताजनक स्थिति में है। इस साल जनवरी के महीने में ही छेड़छाड़ के 184 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 152 का पुलिस ने निपटारा कर दिया है।
मुंबई का ये डरावना चेहरा बताता है कि, कैसे महिलाओं की सुरक्षा लगातार खतरे में है। आंकड़े बताते हैं कि शहर में औसतन हर रोज छेड़छाड़ के 6 मामले दर्ज किए जाते हैं। साल 2023 में, छेड़छाड़ के कुल 2,163 मामले सामने आए, जिनमें से 2,054 मामलों में पुलिस ने कार्रवाई की।
छेड़छाड़ के अलावा बलात्कार के मामलों की स्थिति भी गंभीर है। जनवरी 2024 में मुंबई में 60 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से पुलिस ने 47 मामलों को सुलझाया। पूरे वर्ष 2023 में, 973 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से पुलिस ने 933 मामलों का पता लगाने में सफलता हासिल की थी।
यही नहीं, पतियों और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ना के मामलों में भी इजाफा देखा गया है। जनवरी के महीने में ऐसे 38 मामले दर्ज हुए जिनमें से 27 का पुलिस ने निपटारा किया। बता दें कि पूरे वर्ष 2023 में ऐसे 173 मामले दर्ज हुए थे।
कुल मिलाकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2024 में मुंबई में हर दिन करीब 15 मामले दर्ज हुए। हालांकि, पुलिस द्वारा मामलों को सुलझाने की दर में पिछले सालों के मुकाबले सुधार देखा गया है जो एक सकारात्मक संकेत है।
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कानून के जानकारों और इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों के अनुसार इन आंकड़ों में कोई हेराफेरी नहीं है और मुंबई जैसे शहर में कानून व्यवस्था काफी अच्छी है। हालांकि, उन्होंने ये भी माना कि शिक्षित महिलाओं द्वारा दहेज के लिए कानून का गलत इस्तेमाल भी होता है। वहीं, समाज के कुछ तबकों में, विशेषकर गरीब और ग्रामीण इलाकों में, इस कानून का सही इस्तेमाल नहीं हो पाता है।
वहीं दूसरी ओर, एक क्रिमिनल लॉयर का कहना है कि छेड़छाड़ के कई मामले सही हैं, लेकिन कुछ महिलाएं निजी दुश्मनी के कारण भी झूठे केस दर्ज कराती हैं। उनका ये भी मानना है कि तलाक के मामलों में झूठे केसों की संख्या ज्यादा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि महिलाओं के साथ अपराध नहीं होते।
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