हाइलाइट्स
- अपराध के मामले में मुंबई दूसरे नंबर पर
- 2023 में दिल्ली में हुए सबसे ज्यादा अपराध
- महिलाओं के साथ महाराष्ट्र में जमकर हुए अपराध
- अपहरण के मामलों में भी मुंबई नहीं रहा पीछे
NCRB Crime Report: आमतौर पर देशभर के लोगों की मानसिकता यही है कि देश की आर्थिक नगरी मुंबई बाकी राज्यों से अपराध के मामले में ज्यादा सेफ है, लेकिन NCRB की ताजा रिपोर्ट ने जो आंकड़ा पेश किया है वो परेशान करने वाली है. आपको जानकर काफी ज्यादा हैरानी होगी, कि देशभर में क्राइम के मामले में दिल्ली के बाद मुंबई का ही नंबर आता है.
आमतौर पर सेफ मानी जाने वाली सपनों की नगरी में आए दिन अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देशभर में दर्ज अपराध के मामलों में दिल्ली के बाद मुंबई का ही नंबर आता है. साल 2022 में हुए देशभर में घटी आपराधिक घटनाओं पर आधारित आंकड़े को NCRB ने जारी किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल देशभर में कुल 58 लाख 24 हजार 946 अपराध दर्ज किए गए, जिनमें IPC के तहत 35 लाख 61 हजार 379 अपराध और राज्य के विशेष कानुनों के तहत 22 लाख 63 हजार 364 अपराध शामिल हैं. साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में साढे 4 फीसदी अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. देशभर में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा अपराध के मामले दर्ज हुए हैं, जबकी उसके बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र का ही नाम है. इसके बाद तीसरे नंबर पर जिस राज्य का नाम है, वो है मध्यप्रदेश.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बाल शोषण के मामले दर्ज (NCRB Crime Report)
NCRB के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बाल शोषण (पास्को) के 20 हजार 762 मामले दर्ज हुए हैं. बाल शोषण के मामले में महाराष्ट्र देशभर में पहले स्थान पर है. इसके बाद इस मामले में दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश का नाम है, जहां बाल शोषण के 20 हजार 415 मामले दर्ज हुए. तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है, जहां पर 18,662, तो राजस्थान में 9,379, तो वहीं पश्चिम बंगाल में 8,950 मामले दर्ज हैं. वहीं अगर सिर्फ मुंबई की बात करें तो बाल शोषण और उत्पीड़न के मामले में मायानगरी 3 हजार 178 दर्ज मामले के साथ दूसरे नंबर पर है, जबकी दिल्ली 7 हजार 400 दर्ज मामले के साथ सबसे पहले नंबर पर है.
NCRB (2022) की रिपोर्ट के मुख्य बिंदू (NCRB Crime Report)
- देशभर में हत्या के 28522 मामले दर्ज हुए, जो 2021 में 29,272 थे.
- साल 2022 में साल 2021 की तुलना में हत्या के मामलों में 2.6 फीसदी की कमी आई है.
- देशभर में अपहरण के कुल 1,10,140 मामले, जिनमें 21,278 पुरुष व 88,861 महिलाएं शामिल.
- देशभर में महिलाओं के खिलाफ 4,45,256 अपराधों के रिकॉर्ड.
- 2021 की तुलना में साल 2022 में 4 फीसदी की हुई बढ़ोतरी.
- 162,449 बच्चों से दुर्व्यवहार जैसे आपराधिक मामले दर्ज.
- बाल शोषण के मामलों में 8.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
- बुजुर्गों के उत्पीड़न के मामले 28,545 दर्ज किए गए हैं.
- वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े केस में 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
- साइबर क्राइम के मामले 24.4% बढ़े हैं.
- नागरिकों के लापता होने के 4,42,572 मामले दर्ज हुए हैं.
- लापता लोगों में पुरुषों की संख्या 1 लाख 49 हजार है, जबकि महिलाओं की संख्या 2,93,500 है.
- देशभर में बच्चों के लापता होने के 83,850 मामले दर्ज हैं.
अपराध के मामले में नंबर 1 पर है यूपी (NCRB Crime Report)
- IPC की विभिन्न धाराओं के तहत 4 लाख 1 हजार 787 केस उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए.
- दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 3 लाख 74 हजार 38 अपराध के मामले दर्ज हुए.
- मध्य प्रदेश में – 2,98,578
- राजस्थान – 236090
- केरल – 235858
शहरों में दूसरे नंबर पर मुंबई (NCRB Crime Report)
- दिल्ली में सबसे ज्यादा 2,98,988 अपराध के मामले दर्ज.
- मुंबई में 69,289 अपराध के मामले दर्ज.
- तीसरे नंबर पर बेंगलुरु, चौथे नंबर पर जयपुर और पांचवें नंबर पर अहमदाबाद है.
हत्या के मामलों में यूपी है टॉप पर (NCRB Crime Report)
- उत्तर प्रदेश – 3491
- बिहार – 2930
- महाराष्ट्र – 2295
- मध्य प्रदेश – 1978
- राजस्थान – 1834
शहरों में हत्या के मामलों में टॉप पर है दिल्ली (NCRB Crime Report)
- दिल्ली में 501 हत्या के मामले दर्ज हुए.
- दूसरे नंबर पर बेंगलपरु में 173 मामले दर्ज हुए.
- मुंबई में हत्या के 135 मामले दर्ज हुए.
- लखनऊ में 131, जबकि पटना में 107 हत्या के मामले दर्ज हुए.
अपहरण में महाराष्ट्र, मुंबई दूसरे नंबर पर (NCRB Crime Report)
- उत्तर प्रदेश में 16,163 अपहरण के मामले दर्ज.
- महाराष्ट्र में 12, 260 मामले दर्ज.
- अरहण मामले में चौथे नंबर पर मध्यप्रदेश, जबकि पांचवें नंबर पर राजस्थान है.
- शहरों में पहले नंबर पर दिल्ली, जबकि 1754 मामले के साथ दूसरे नंबर पर मुंबई है.
- बेगलुरु में 946 मामले दर्ज.
- जयपुर में 787
- पटना में 664 अपहरण के मामले दर्ज हुए.