Mumbai: एनसीआरबी (NCRB) की हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक़ महिलाओं के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली मुंबई अब उनके लिए सुरक्षित नहीं रही. रिपोर्ट के मुताबिक़ मुंबई में 2020 में महिलाओं के खिलाफ कुल 4,583 अपराधिक मामले सामने आए थे, जो 2021 में बढ़कर 5,543 हुए और 2022 में बढ़कर 6,176 हो गए. इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ हो रहे आपराधिक मामलों में मुंबई अब दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर आ गई है.
राजधानी दिल्ली में 2022 में महिलाओं के खिलाफ 14,158 अपराधों की भारी संख्या दर्ज की गई थी. मुंबई में धारा 354 (छेड़छाड़) के तहत 1,859 मामले दर्ज किए गए, जबकि दिल्ली में ऐसे 2,002 मामले दर्ज किए गए.

Crime Against Women (Photo credits: Web)
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रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसक अपराध, जिनमें हत्याएं, गंभीर हमले, बलात्कार और छेड़छाड़ शामिल हैं, पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ गए हैं. इनमें से कुछ श्रेणियों में, मुंबई में 2022 में महानगरों के बीच सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि कई अन्य दूसरे स्थान पर थे.
वित्तीय राजधानी में आईपीसी के तहत दर्ज अपराधों की कुल संख्या 2020 में 50,158 से बढ़कर 2021 में 63,689 और 2022 में 69,289 हो गई है.
महिलाओं के विभिन्न प्रकार के यौन उत्पीड़न के मामले में भी मुंबई उच्च स्थान पर है. कुछ मामलों में, मुंबई में संख्या दिल्ली से अधिक देखी गई. 2022 में मुंबई में आईपीसी की धारा 509 के तहत “महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने” के कुल 667 मामले दर्ज किए गए, जबकि दिल्ली में यह संख्या 387 थी. महिलाओं को पीड़ित बनाकर मानव तस्करी के मामलों की संख्या भी मुंबई में सबसे अधिक 37 थी.
बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली वकील आभा सिंह ने कहा कि आंकडें चौंकाने वाले हैं, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि मुंबई में महिलाएं अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए बेहद सशक्त हों.