Mumbai News: बिना अनुमति के पेड़ काटने के आरोप में एक शख्स को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उसने पेड़ काटकर पक्षियों को नुकसान पहुंचाया है. अब उसे घटना के 10 साल बाद भी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.
आरोपी का नाम अमित धुतिया है, जो बांद्रा के कार्टर रोड इलाके में रहता है. उसने 12 मई 2014 को अपनी सोसायटी में एक इमली का पेड़ काट दिया था. इससे कई पक्षियों का घोंसला टूट गया था और उनके बच्चे जमीन पर गिर गए थे. कुछ पक्षियों की मौत भी हो गई थी.
इस मामले में एक एनजीओ ने शिकायत करके पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस ने धुतिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) संरक्षण और वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की थी.
धुतिया ने अपनी बचाव में कहा कि पेड़ उसकी सोसायटी में नहीं बल्कि पड़ोसी स्कूल में था. उसने कहा कि वो केवल पेड़ की छंटाई करवा रहा था और बाद में सभी घायल पक्षियों को ऐरोली के एक जंगल में छोड़ दिया गया था. उसने दावा किया कि किसी भी पक्षी की मौत नहीं हुई थी और उसका किसी भी पक्षी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. (Mumbai News)
लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि पुलिस के पंचनामे और वॉचमैन के बयान से स्पष्ट होता है कि पेड़ की कटाई से पक्षियों के अंडे टूट गए थे और उनके बच्चे जाल में फंस गए थे. इस तरह से पेड़ को काटना महाराष्ट्र वृक्ष संरक्षण अधिनियम की धारा 2 सी में परिभाषित ‘पेड़ को गिराना’ की व्याख्या में आता है. इसलिए, धुतिया मुकदमे से बच नहीं सकते. (Mumbai News)
ये भी पढ़ें: Maharashtra News: महाराष्ट्र में मेगा सर्वेक्षण 23 जनवरी से शुरू, 1.25 लाख से अधिक गणनाकर्ता होंगे शामिल