Mumbai University के ऑनलाइन पोर्टल ने पहले तो 33 छात्रों के फॉर्म को एक्सेप्ट कर लिया, लेकिन जब परीक्षा देने की बारी आई तो परीक्षा से 2 दिन पहले यूनिवर्सिटी की ओर से उन 33 स्टूडेंट्स को ये सलाह दी जा रही है कि वे या तो दूसरा कोर्स कर लें, या फिर अपना एडमिशन कैंसल कर लें. अब यूनिवर्सिटी के इस रवैये से सभी 33 छात्र परेशान हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वो करे तो क्या करे.
गौरतलब है कि जुलाई 2023 में कुल 33 छात्रों ने BSC आईटी में एडमिशन लिया था, जिसकी परीक्षा सोमवार, यानी कि 11 दिसंबर 2023 को होनी है, लेकिन अब अचानक से Mumbai University को ये याद आ गया है कि इन सारे 33 स्टूडेंट्स में एडमिशन की योग्यता है ही नहीं. अब ऐसे में इन छात्रों के लिए परेशानी की बात ये है कि वो परीक्षा में बैठे तो बैठे कैसे? अगर उन्हें एग्जाम देने की इजाजत नहीं मिलती है तो वो क्या करेंगे?
स्टूडेंट्स पूछ रहे हैं ये सवाल
Mumbai University की ओर से इन छात्रों और कॉलेज को ये सुझाव दिया जा रहा है कि ये कोई दूसरा कोर्स कर ले, या नहीं तो अपना एडमिशन कैंसल करवा ले. Mumbai University के इस रवैये से छात्रों में खासा नाराजगी है. विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपना एडमिशन करवाया था. अगर वो एडमिशन के लिए योग्य नहीं थे, तो यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन पोर्टल ने उनके फॉर्म को एक्सेप्ट क्यों कर लिया? यहां तक कि उन्हें कॉलेज तक कैसे एलॉट कर दिया गया?
दरअसल जिन 33 छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई है, उनके बारे में कहा जा रहा है कि, उनके मार्क्स 45% से कम है, जबकि BSC आईटी में एडमिशन के लिए 45% मार्क होना आवश्यक है. यही वजह है कि वो इस परीक्षा में बैठने के लिए एलिजिबल नहीं है.
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Mumbai University के पोर्टल पर किया था आवेदन
एक स्टूडेंट ने जानकारी दी कि चुकी आईटी क्षेत्र में स्कोप ज्यादा है, इसीलिए उसने यहां एडमिशन लिया था. लेकिन यहां सवाल ये है कि हमने तो ऑनलाइन यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर फॉर्म भरा था. अगर BSC आईटी के लिए 45% मार्क आवश्यक है, तो फिर Mumbai University के पोर्टल ने उनके फॉर्म को एक्सेप्ट क्यों कर लिया?
छात्र मांग रहे हैं अनुमति
अब इन 33 छात्रों का कहना है कि अगर Mumbai University ने उनके फॉर्म को एक्सेप्ट करने की गलती की है, तो उसका खामियाजा स्टूडेंट्स को क्यों भुगतना पड़े? छात्रों कहना है कि यूनिवर्सिटी उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दे.
हालांकि कॉलेज की ओर से यूनिवर्सिटी के साथ बातचीत करके इस मामले में सही हल निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. वैसे इस खबर को लेकर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट कर जरूर बताएं.
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