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मुंबई की हवा पर कोर्ट सख्त – क्या कर रही है सरकार?

मुंबई की हवा पर कोर्ट सख्त - क्या कर रही है सरकार?

मुंबई में रहने वाले तो जानते ही हैं कि पिछले कुछ समय से हवा कितनी खराब होने लगी है। सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन – ये सब आम हो गया है। प्रदूषण की इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार और एजेंसियों से सवाल किए हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने साफ कहा है कि मुंबई में प्रदूषण रोकने का अब समय आ गया है। कोर्ट का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए कानून तो पहले से बने हैं, लेकिन उनका पालन ठीक से नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि कुछ महीनों में हवा की गुणवत्ता फिर खराब या बहुत खराब वाली स्थिति में पहुंच जाएगी, इसलिए अभी से रोकथाम के कड़े कदम जरूरी हैं।

कोर्ट ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को आदेश दिया है कि वो फौरन राज्य के सभी उद्योगों की जांच करे। कई बार फैक्ट्रियां नियमों को ताक पर रखकर काम करती हैं, जिससे जहरीला धुआं निकलता है। इसके अलावा, कोर्ट ने बड़े प्रोजेक्ट जैसे मेट्रो, सड़क निर्माण आदि की भी जांच करने को कहा है, क्योंकि निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल और मिट्टी भी प्रदूषण का बड़ा कारण है।

कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि क्या उनके पास शहर के बाहर एक अलग इंडस्ट्रियल जोन बनाने की कोई योजना है, जहां प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को शिफ्ट किया जा सके।

बॉम्बे हाई कोर्ट प्रदूषण मामले पर बहुत गंभीर है। कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई जून में रखी है।

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