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बिहार के नवादा में दलित बस्ती पर हमला, विपक्ष ने कहा- जंगलराज का सबूत

बिहार के नवादा में दलित बस्ती पर हमला, विपक्ष ने कहा- जंगलराज का सबूत

बिहार के नवादा में दलित बस्ती पर हमला: बिहार के नवादा जिले के कृष्णा नगर दलित बस्ती में हुए आगजनी के मामले ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इस हमले में 40-50 घरों को जलाकर राख कर दिया गया और इसके साथ ही फायरिंग की घटनाएं भी सामने आईं। अब तक पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया है, और इस मुद्दे पर राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह घटना राज्य में फैले ‘जंगलराज’ की एक और मिसाल है।

नवादा में दलित बस्ती पर हमला: क्या है पूरा मामला?

यह घटना नवादा जिले के नरौरा इलाके में स्थित कृष्णा नगर दलित बस्ती की है, जहां 40-50 घरों में आग लगा दी गई और फायरिंग भी की गई। बुधवार शाम करीब 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि कुछ दबंगों ने दलित बस्ती पर हमला कर दिया है। इस हमले के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और पुलिस को तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लाना पड़ा।

मामले की तहकीकात करते समय सामने आया कि इस जमीन पर दलित परिवारों और दूसरे पक्ष के बीच पहले से विवाद चल रहा था। इन परिवारों का आरोप है कि दबंगों ने अचानक हमला किया, मारपीट की और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोगों की संपत्ति बर्बाद हो गई है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और हिरासत में लिए गए लोग

इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। शुरुआत में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में 10 और लोगों को हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी यादव जाति के बताए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि अभी और भी आरोपियों की पहचान की जा रही है, और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

आगजनी के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया था, जिसके चलते पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। पुलिस ने फायर ब्रिगेड को भी मौके पर भेजा, ताकि आग पर काबू पाया जा सके। प्रशासन का कहना है कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: नीतीश सरकार पर विपक्ष का हमला

इस घटना के बाद बिहार सरकार पर विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह “डबल इंजन सरकार” के जंगलराज का एक और उदाहरण है। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे दलित समुदाय पर हमला बताया।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी इस घटना की निंदा की और सरकार से सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और पीड़ितों को पुनर्वास के लिए आर्थिक मदद दे। मायावती ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि यह घटना बहुत ही दुखद और गंभीर है और सरकार को दलितों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।

आगजनी के पीछे की वजह और प्रशासन की प्रतिक्रिया

जिलाधिकारी के अनुसार, जिस जमीन पर दलित परिवारों का कब्जा था, उसी को लेकर विवाद चल रहा था। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि यह मामला पहले से उनके पास लंबित था और विवाद के चलते यह हमला हुआ। अंचल अधिकारी विकेश कुमार ने बताया कि फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गया और अब मामले की जांच की जा रही है।

प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 22 सितंबर को घटनास्थल का दौरा करेंगे।

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