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Truth of First PM: क्या नेहरू ने सचमुच पटेल को पीएम बनने से रोका? जानें पूरी सच्चाई

Truth of First PM: क्या नेहरू ने सचमुच पटेल को पीएम बनने से रोका? जानें पूरी सच्चाई

Truth of First PM: भारत के पहले प्रधानमंत्री को लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ जाती है। लोग कहते हैं कि जवाहरलाल नेहरू ने वल्लभभाई पटेल को प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया। कुछ का दावा है कि नेहरू ने सत्ता की चाहत में महात्मा गांधी पर दबाव डाला और अनुचित तरीके से यह पद हासिल किया। यह भी कहा जाता है कि पटेल को ज्यादा समर्थन मिला था, फिर भी नेहरू पहले पीएम बने। लेकिन क्या यह सच है? आइए इसकी असल कहानी जानते हैं।

1947 में भारत आजाद हुआ। 15 अगस्त 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहरलाल नेहरू को देश के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। उस समय वल्लभभाई पटेल सक्रिय राजनीति में थे और वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते थे। लेकिन 1946 में कुछ ऐसे फैसले हुए, जिन्होंने नेहरू को यह पद दिलाया। उस समय भारत छोड़ो आंदोलन अपने चरम पर था और द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने वाला था। ब्रिटिश सरकार ने यह साफ कर दिया था कि वह जल्द ही भारत को आजादी दे देगी।

1946 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने कैबिनेट मिशन प्लान भेजा। इसमें संविधान सभा और अंतरिम सरकार बनाने की बात थी। उस समय यह तय था कि कांग्रेस का अध्यक्ष ही अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जल्दी कराने के लिए महात्मा गांधी ने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बजाय सिर्फ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वोट देंगे। उस समय मौलाना अबुल कलाम आजाद कांग्रेस अध्यक्ष थे, लेकिन गांधी ने उन्हें दोबारा चुनाव न लड़ने को कहा।

15 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। इनमें से 12 ने वल्लभभाई पटेल के नाम का समर्थन किया, दो ने जेबी कृपलानी का नाम लिया, और एक ने कोई नाम नहीं दिया। हैरानी की बात यह थी कि एक भी वोट नेहरू के पक्ष में नहीं था। लेकिन महात्मा गांधी ने पहले कृपलानी और फिर पटेल से नेहरू के पक्ष में अपना नाम वापस लेने को कहा। दोनों ने गांधी की बात मान ली और नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष चुन लिया गया।

1 अगस्त 1946 को वायसराय लॉर्ड वेवल ने नेहरू को अंतरिम सरकार बनाने का न्योता दिया। 2 सितंबर 1946 को नेहरू ने 11 अन्य सदस्यों के साथ शपथ ली। उस समय उन्हें औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नहीं कहा गया, लेकिन वह राष्ट्राध्यक्ष की तरह काम कर रहे थे। फिर 15 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान सभा ने लॉर्ड माउंटबेटन को पहला गवर्नर जनरल चुना, और उन्होंने नेहरू को भारत का पहला प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

कहा जाता है कि अगर पटेल कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाते, तो शायद वह पहले पीएम बनते। लेकिन एक पीसीसी अध्यक्ष द्वारका प्रसाद मिश्रा ने बाद में कहा कि उन्होंने पटेल को सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष के लिए वोट दिया था, न कि प्रधानमंत्री बनाने के लिए। इस तरह, गांधी के फैसले और परिस्थितियों ने नेहरू को भारत का पहला प्रधानमंत्री बनाया।

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