भारत में बढ़ती बीमारियों को देखते हुए, खाने-पीने को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। ये गाइडलाइन्स बताती हैं कि गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को कैसी डाइट लेनी चाहिए।
दिल की बीमारियाँ, कैंसर, डायबिटीज़ जैसी बीमारियां अब बच्चों और युवाओं को भी होने लगी हैं। इसीलिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) ने खाने-पीने को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, ताकि इन बीमारियों से बचा जा सके।
बच्चों और माताओं पर ध्यान: बच्चे के जन्म से लेकर 2 साल की उम्र तक माँ और बच्चे के लिए सही पोषण बहुत जरूरी है। इससे बच्चे का विकास अच्छा होता है और कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है।
दोहरी चुनौती: एक तरफ कुपोषण की समस्या है तो दूसरी तरफ मोटापा भी बढ़ रहा है। गलत खानपान की वजह से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और मोटापा बढ़ता है।
खाने-पीने के सामान्य नियम: गाइडलाइन्स में बताया गया है कि हमें कम से कम आठ तरह के खाद्य पदार्थ खाने चाहिए, जैसे सब्जियां, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दूध, मेवे, और तेल। अनाज कम खाना चाहिए और उसकी जगह दाल, मांस, मछली जैसे प्रोटीन युक्त चीजें ज्यादा खानी चाहिए। नमक और तले-भुने, पैकेट बंद चीजों से भी दूर रहना चाहिए।
विशेष समूहों के लिए सुझाव:
- गर्भवती महिलाएं: थोड़ी-थोड़ी देर में खाना खाएं, आयरन और फोलेट से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
- शिशु और बच्चे: पहले छह महीने तक सिर्फ माँ का दूध पिलाएं, शहद, ग्लूकोज या पानी न दें। छह महीने के बाद थोड़ा-थोड़ा दूसरा खाना भी शुरू करें।
- बुजुर्ग: प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर खाना खाएं। दूध, मेवे, सब्जियां और फल जरूर खाएं। एक्सरसाइज़ भी करें।
ये नई गाइडलाइन्स हमें बताती हैं कि सही खानपान से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। हमें अपने खाने में बदलाव लाने की जरूरत है, ताकि हम स्वस्थ रहें और लंबी उम्र जी सकें।
ये गाइडलाइन्स नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) ने जारी की हैं। इन गाइडलाइन्स को ध्यान से पढ़कर और अपने खाने में बदलाव लाकर हम एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।