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Become Professor Without NET: UGC की नई गाइडलाइंस- NET के बिना भी बन सकते हैं असिस्टेंट प्रोफेसर

Become Professor Without NET: UGC की नई गाइडलाइंस- NET के बिना भी बन सकते हैं असिस्टेंट प्रोफेसर

Become Professor Without NET: UGC (University Grants Commission) ने असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब NET (National Eligibility Test) पास किए बिना भी उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं, बशर्ते उनके पास पीएचडी डिग्री (PhD degree) हो। यह फैसला शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा 7 जनवरी 2025 को घोषित किया गया। इस कदम का उद्देश्य उच्च शिक्षा में अधिक योग्य उम्मीदवारों को मौका देना है।

नया नियम: क्या बदला है?

पहले, 2018 के नियमों के अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए उम्मीदवार को पीजी (Postgraduate) डिग्री के साथ UGC-NET परीक्षा पास करना अनिवार्य था। लेकिन अब, यदि उम्मीदवार के पास पीएचडी की डिग्री है, तो उन्हें NET की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है।

UGC अध्यक्ष का बयान

UGC के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया कि यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुसार किया गया है। उन्होंने कहा कि इन नई गाइडलाइंस से विश्वविद्यालयों में अधिक योग्य और विविध विषयों के उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा।

Become Professor Without NET: असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की योग्यता

नई गाइडलाइंस के तहत, उम्मीदवार को निम्नलिखित शैक्षणिक योग्यताओं को पूरा करना होगा:

  • 75% अंक के साथ 4 साल की UG डिग्री।
  • 55% अंक के साथ PG डिग्री।
  • PhD डिग्री।

इसका मतलब है कि उच्च शिक्षा के लिए बुनियादी योग्यता के साथ ही पीएचडी की डिग्री अब अनिवार्य हो गई है।

NEP 2020 के अनुरूप बदलाव

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, शिक्षा के स्तर को सुधारने और अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया गया है। नई गाइडलाइंस के जरिए अब NET जैसे अनावश्यक बाधाओं को हटाया गया है, जिससे प्रोफेसर्स की कमी को दूर किया जा सके।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी को दूर करने और नियुक्ति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह बदलाव किया गया है। NET पास करना कई छात्रों के लिए कठिन साबित हो रहा था, जिससे योग्य उम्मीदवार भी शिक्षा के क्षेत्र में आने से वंचित रह जाते थे।

उम्मीदवारों को क्या मिलेगा फायदा?

यह नया नियम छात्रों और उच्च शिक्षा संस्थानों दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।

  • योग्य उम्मीदवार बिना NET परीक्षा पास किए भी असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं।
  • विश्वविद्यालयों को विभिन्न विषयों के अधिक योग्य और प्रतिभाशाली उम्मीदवार उपलब्ध होंगे।
  • छात्रों को प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया में आने वाली अनावश्यक बाधाओं से छुटकारा मिलेगा।

उच्च शिक्षा में एक नई दिशा

UGC की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास है। NET जैसी परीक्षाओं को अनिवार्य न करके, योग्य उम्मीदवारों को अब बिना किसी बाधा के अपनी योग्यता साबित करने का मौका मिलेगा।


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