NIT Silchar Sexual Harassment: असम का सिलचर शहर आजकल एक चौंकाने वाली खबर की वजह से चर्चा में है। यहाँ के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) में एक छात्रा ने अपने ही असिस्टेंट प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) का गंभीर आरोप लगाया है। यह सुनकर नई पीढ़ी के छात्र-छात्राओं के मन में गुस्सा और हैरानी दोनों पैदा हो रही है। आखिर एक शिक्षक, जिस पर भरोसा किया जाता है, वह ऐसी हरकत कैसे कर सकता है? चलिए, इस घटना की पूरी कहानी को समझते हैं और जानते हैं कि क्या हुआ, कैसे हुआ, और अब आगे क्या हो रहा है।
यह सब तब शुरू हुआ जब NIT सिलचर की एक छात्रा, जो बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर रही है, ने अपने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कोटेश्वर राजू धेनुकोंडा के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उसका कहना है कि प्रोफेसर ने उसे कम नंबर मिलने की बात पर चर्चा करने के लिए अपने चैंबर में बुलाया। लेकिन वहाँ जो हुआ, वह किसी भी छात्रा के लिए सबसे डरावना अनुभव हो सकता है। छात्रा ने बताया कि प्रोफेसर ने पहले तो उससे पढ़ाई के बारे में बात की, लेकिन फिर उसकी हरकतें बदल गईं। उसने छात्रा के हाथ को पकड़ा, उसकी जाँघों को छुआ और यहाँ तक कि उसकी गर्दन भी पकड़ ली। यह सब सुनकर लगता है कि यह कोई शिक्षक नहीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थी जो अपने पद का गलत फायदा उठा रही थी।
छात्रा ने अपनी आपबीती एक चिट्ठी में लिखी, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। इस चिट्ठी में उसने बताया कि प्रोफेसर ने उसे अपने पास बैठने को कहा और पूछा कि उसके ग्रेड क्यों कम हैं। फिर उसने धीरे-धीरे उसके हाथ को छूना शुरू किया। बात यहीं नहीं रुकी। उसने छात्रा की जाँघों को पकड़ा और उसके पेट को सहलाया। इतना ही नहीं, उसने अपने कम्प्यूटर पर अश्लील गाने भी चलाए। छात्रा ने लिखा कि वह डर गई और रोने लगी, लेकिन प्रोफेसर नहीं रुका। उसने उसे पैर फैलाने और सहज होने को कहा। यह सब पढ़कर मन में सवाल उठता है कि क्या अब शिक्षण संस्थानों में भी सुरक्षित रहना मुश्किल हो गया है?
इस घटना के बाद छात्रा ने हिम्मत दिखाई और अपने परिवार के साथ मिलकर पुलिस में शिकायत दर्ज की। उसकी शिकायत के आधार पर कछार पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। पुलिस अधीक्षक नुमल महत्ता ने बताया कि प्रोफेसर ने पहले तो खुद को छिपाने की कोशिश की। उसने अपने क्वार्टर का दरवाजा बाहर से बंद कर लिया था। लेकिन पुलिस ने मोबाइल लोकेशन की मदद से उसे ढूंढ निकाला और शुक्रवार शाम को हिरासत में ले लिया। इसके बाद भारतीय न्याय संहिता के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया गया। यह खबर सुनकर छात्रों और उनके परिवारों को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी।
NIT सिलचर में यौन उत्पीड़न (NIT Silchar Sexual Harassment) की इस घटना ने पूरे संस्थान को हिला दिया। छात्रा के साथ हुए इस व्यवहार के खिलाफ उसके साथियों ने रातभर प्रदर्शन किया। वे प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उसकी नौकरी खत्म करने की मांग कर रहे थे। उनकी माँग को देखते हुए NIT प्रशासन ने तुरंत प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया। रजिस्ट्रार अशिम रॉय ने बताया कि जिस चैंबर में यह घटना हुई, उसे सील कर दिया गया है। साथ ही, मामले की गहराई से जाँच के लिए संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
छात्रा को इस मुश्किल वक्त में हर तरह की मदद दी जा रही है। रजिस्ट्रार ने कहा कि उसकी सुरक्षा और सहजता के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यह सुनकर लगता है कि संस्थान अब इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या पहले ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई सख्त कदम उठाए गए थे? आज की नई पीढ़ी, जो अपने हक के लिए आवाज उठाना जानती है, इस घटना से सबक ले रही है। वे चाहते हैं कि उनके शिक्षण संस्थान सुरक्षित हों, जहाँ पढ़ाई के साथ-साथ उनकी इज्जत भी बची रहे।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी तूफान मचा दिया। छात्रा की वायरल चिट्ठी ने लोगों का ध्यान खींचा और कई लोगों ने इस पर अपनी राय दी। कोई इसे शर्मनाक बता रहा है, तो कोई कह रहा है कि ऐसे लोगों को सजा मिलनी चाहिए। यह मामला सिर्फ एक छात्रा की कहानी नहीं है, बल्कि उन तमाम जगहों की सच्चाई को उजागर करता है, जहाँ पद का दुरुपयोग होता है। पुलिस अब प्रोफेसर से पूछताछ कर रही है और जाँच आगे बढ़ रही है।
NIT सिलचर में यौन उत्पीड़न (एनआईटी सिलचर में यौन उत्पीड़न) की यह खबर आज की युवा पीढ़ी के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गई है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि शिक्षा के मंदिर में ऐसी घटनाएँ क्यों हो रही हैं। छात्रा की हिम्मत और उसके साथियों के प्रदर्शन ने दिखाया कि नई पीढ़ी चुप नहीं रहेगी। वे अपने हक के लिए लड़ेंगे और गलत के खिलाफ आवाज उठाएँगे। यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। जाँच चल रही है और हर कोई यह जानना चाहता है कि आगे क्या होगा।