तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से मुंबईकर खुद को काफी असुरक्षित महसूस करने लग गए हैं। हालांकि अब महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए सख्त कदम उठा लिया है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर लगाम कसा जा सके। खासकर कुछ दिनों पहले वर्ली में हुए एक दर्दनाक घटना ने इस खतरे को और ज्यादा हाइलाइट करने का काम किया, जब एक स्कूटी सवार दंपति को एक 23 वर्षीय युवक मिहिर शाह ने अपनी तेज रफ्तार गाड़ी से शराब के नशे में धुत्त होकर टक्कर मार दी। स्कूटी सवार व्यक्ति की पत्नी कावेरी, दुखद रूप से, लगभग 1.5 किलोमीटर तक घसीटती चली गईं, और अंतत: उनकी मौत हो गई। उनके पति प्रदीप इस घटना में बुरी तरह से घायल हो गए। हालांकि ईश्वर की कृपा से उनकी जान बच गई। बता दें कि इस घटना के आरोपी मिहिर शाह, निष्कासित राजनेता राजेश शाह का बेटा है। इस हाई-प्रोफाइल मामले के कारण, मिहिर, उनके पिता राजेश, और उनके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया।
वैसे बता दें कि ये कोई अकेला मामला नहीं है, जिसमें नशे की धुत्त में तेज रफ्तार गाड़ी चलाने की वजह से किसी की जान गई हो। इस तरह के अनेकों मामले हैं, जो ये सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि आखिर, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है? खैर हम आपको इस वीडियो में ये भी बताएंगे कि इसके लिए महाराष्ट्र सरकार क्या कुछ कर रही है, लेकिन उससे पहले कुछ आंकड़ों पर गौर फरमा लेते हैं, जो ये साबित करते हैं कि किस तरह से दिन-ब-दिन एक्सिडेंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले मृत्यु दर में 13% और सड़क दुर्घटनाओं में 34% की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में प्रतिदिन औसतन तीन लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है और 7 से 8 दुर्घटनाएं घटित होती हैं।
तेज गति का प्रभाव
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, स्पीड लीमिट में 1% की वृद्धि से खतरनाक दुर्घटनाओं में मृत्यु का जोखिम 4% तक बढ़ जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैश्विक स्तर पर, सबसे अधिक दुर्घटनाएं अमेरिका में होती हैं, लेकिन एक्सिडेंट की वजह से सबसे अधिक मौतें भारत में होती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन आंकड़ों के अनुसार भारत में 71% लोगों की मौत तेज गति से चलने वाले वाहनों की चपेट में आने से हो जाती है।
सरकारी कार्रवाई
जहां तक महाराष्ट्र में सरकारी कार्रवाई की बात है, तो इन चिंताजनक आंकड़ों को देखते हुए शिंदे सरकार ने कार्रवाई का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आबकारी विभाग को शराब परोसने वाली जगहों की जांच करने और मुंबई ट्रैफिक पुलिस को वीकेंड पर सख्त चेकिंग करने का आदेश दिया है। परिणामस्वरूप, आबकारी विभाग ने 1,034 बार, पब, डिस्को, और परमिट रूम की जांच की, जिसमें 39 स्थानों में कमियां पाई गईं और नौ स्थानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए। उपनगर में, 1,572 स्थानों की जांच में 89 में कमियां पाई गईं। कुल मिलाकर, 23,690 स्थानों की जांच की गई, जिनमें 796 में कमियां पाई गईं, और इनके खिलाफ कार्रवाई जारी है। ट्रैफिक पुलिस भी वीकेंड रातों में पूरी मुस्तैदी के साथ व्यवस्था संभालने और आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है।
इन घटनाओं के मद्देनजर इतना तो कहा ही जा सकता है, राज्य में ट्रैफिक कानूनों के कड़े पालन और जिम्मेदार ड्राइविंग की सख्त आवश्यकता है। सरकार और अधिकारी कदम उठा रहे हैं, लेकिन सड़कों की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक जागरूकता और व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी जरूरी है। वैसे इसपर आपका क्या कहना है, हमें कमेंट कर जरूर बताएं
ये भी पढ़ें: कल्याण में साइको आशिक ने लड़की को दी एसिड अटैक की धमकी, रिक्शे की रॉड पर पटका सिर, जानकर दंग रह जाएंगे आप