नाइट लवर ऑर्केस्ट्रा बार (Night Lover Orchestra Bar) में क्राइम ब्रांच ने छापेमारी की, जहां 40 से ज्यादा बार गर्ल्स नाचते और नियमों का उल्लंघन करते पाई गईं। इस छापेमारी ने न केवल बार मालिक को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि स्थानीय पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया गया। यह कहानी अवैध गतिविधियों (Illegal Activities) के खिलाफ मुंबई पुलिस की सख्ती और उसकी चुनौतियों को उजागर करती है।
रविवार की सुबह, जब शहर सो रहा था, क्राइम ब्रांच की यूनिट-2 और प्रॉपर्टी सेल की टीम ने मारोल, अंधेरी में स्थित नाइट लवर ऑर्केस्ट्रा बार पर धावा बोला। यह छापेमारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। बार के अंदर का नजारा देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। वहां 40 से ज्यादा बार गर्ल्स मौजूद थीं, जो कथित तौर पर नाच रही थीं और ऐसी गतिविधियों में शामिल थीं, जो ऑर्केस्ट्रा बार के लिए तय नियमों का खुला उल्लंघन थीं। यह बार महाराष्ट्र के उन सख्त कानूनों को तोड़ रहा था, जो इस तरह के बार को संचालित करने की अनुमति देते हैं।
इस छापेमारी का सबसे बड़ा नतीजा MIDC पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर राजीव चव्हाण का निलंबन रहा। चव्हाण पर ड्यूटी में लापरवाही (Dereliction of Duty) का आरोप लगा। पश्चिम क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त परमजीत सिंह दहिया ने उनके निलंबन का आदेश दिया। दहिया ने पुष्टि की कि इस कार्रवाई के बाद MIDC पुलिस स्टेशन में बार संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। चव्हाण के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो चुकी है। यह निलंबन इसलिए हुआ, क्योंकि बार उनके क्षेत्र में बिना किसी डर के अवैध गतिविधियां (Illegal Activities) चला रहा था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में बार गर्ल्स का एक बार में मिलना कोई छोटी बात नहीं है। यह दर्शाता है कि बार मालिक को कानून का कोई डर नहीं था। वह बेधड़क अपने अवैध धंधे को चला रहा था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस तरह की सख्त कार्रवाई अन्य पुलिस स्टेशनों के प्रमुखों के लिए भी एक संदेश है। उन्हें अपने क्षेत्र में ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी होगी। यह छापेमारी उन बार मालिकों के लिए भी चेतावनी है, जो नियमों को ताक पर रखकर काम करते हैं।
नाइट लवर ऑर्केस्ट्रा बार (Night Lover Orchestra Bar) का यह मामला मुंबई में बार संस्कृति और उससे जुड़े विवादों को फिर से चर्चा में लाया है। मुंबई में डांस बार और ऑर्केस्ट्रा बार का इतिहास लंबा और विवादास्पद रहा है। 2005 में डांस बार पर प्रतिबंध लगा था, लेकिन 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ शर्तों के साथ इन्हें फिर से शुरू करने की अनुमति मिली। इन शर्तों में बार में चार से ज्यादा डांसर न होना, रात 1:30 बजे तक ही ऑर्केस्ट्रा चलाना, और अश्लील गतिविधियों पर रोक शामिल है। लेकिन कई बार इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं।
इस छापेमारी से पहले भी अंधेरी में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। 2019 में नाइट लवर बार पर ही पुलिस ने छापा मारा था, जिसमें 14 बार गर्ल्स को बचाया गया था। 2021 में एक अन्य बार में गुप्त कमरे में छिपी 17 लड़कियों को पाया गया था। ये घटनाएं बताती हैं कि बार मालिक कितनी चालाकी से कानून को चकमा देने की कोशिश करते हैं। कुछ बार में गुप्त कमरे, छिपे हुए रास्ते, और यहां तक कि CCTV कैमरे लगाए जाते हैं, ताकि पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
इस बार की छापेमारी में क्राइम ब्रांच ने कोई कसर नहीं छोड़ी। टीम ने बार के हर कोने की तलाशी ली। बार में मौजूद भीड़ और वहां की गतिविधियां नियमों के खिलाफ थीं। पुलिस ने बार संचालक के खिलाफ IPC की धारा 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लीलता) और महाराष्ट्र के डांस बार नियमों के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए भी सबक है, जो ऐसे बार में ग्राहक बनकर जाते हैं।
मुंबई जैसे शहर में, जहां रात की जिंदगी चमक-दमक से भरी होती है, ऐसी घटनाएं समाज के एक छिपे हुए चेहरे को सामने लाती हैं। बार गर्ल्स, जिन्हें अक्सर पीड़ित के रूप में देखा जाता है, कई बार आर्थिक मजबूरी या धोखे का शिकार होकर इस काम में आती हैं। दूसरी ओर, बार मालिक मुनाफे के लिए कानून तोड़ते हैं। इस छापेमारी ने एक बार फिर सवाल उठाया कि क्या पुलिस और प्रशासन इस समस्या का स्थायी हल निकाल पाएंगे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अंधेरी जैसे इलाकों में रात के समय कई बार खुलेआम नियम तोड़ते हैं। कुछ लोग इसे मनोरंजन का हिस्सा मानते हैं, तो कुछ इसे सामाजिक बुराई कहते हैं। लेकिन इस बार की कार्रवाई ने यह साफ कर दिया कि क्राइम ब्रांच ऐसी गतिविधियों पर नजर रख रही है। चव्हाण का निलंबन भी इस बात का संकेत है कि पुलिस अपने ही अधिकारियों को जवाबदेह ठहराने से नहीं हिचक रही।
यह घटना मुंबई की रातों की उस हकीकत को दिखाती है, जो चकाचौंध के पीछे छिपी है। नाइट लवर ऑर्केस्ट्रा बार की यह छापेमारी केवल एक रात की कार्रवाई नहीं, बल्कि शहर में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा है।
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