Chembur Illegal Hookah Parlour Raided: 15 जून 2025 की देर रात मुंबई के चेंबूर इलाके में एक ऐसी घटना हुई, जिसने युवाओं के बीच चर्चा का माहौल बना दिया। क्राइम ब्रांच की यूनिट-6 ने तिलक नगर के छेड्डा नगर जंक्शन पर स्थित वन लाइफ कैफे (One Life Café) नामक एक अवैध हुक्का पार्लर (Illegal Hookah Parlour) पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में 24 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें कैफे का मालिक, कर्मचारी, और ग्राहक शामिल थे। यह छापेमारी उस समय हुई, जब शहर सो रहा था, और यह मुंबई में अवैध गतिविधियों पर पुलिस की सख्ती को दर्शाती है।
यह सब तब शुरू हुआ, जब क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली कि जय अंबे नगर, छेड्डा नगर जंक्शन, घाटकोपर-मानखुर्द लिंक रोड पर वन लाइफ कैफे बिना किसी वैध अनुमति के हुक्का परोस रहा था। सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर भरत घोने की अगुआई में एक टीम ने तड़के 3:46 बजे इस कैफे पर धावा बोला। अंदर का नजारा देखकर अधिकारी हैरान रह गए। वहां कई हुक्का सेटअप चल रहे थे, और युवा फ्लेवर्ड तंबाकू का इस्तेमाल कर रहे थे, जो सिगरेट्स एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट (COTPA), 2003 के नियमों का खुला उल्लंघन था।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। कैफे के मालिक, मैनेजर, दो वेटर, और 20 ग्राहकों को हिरासत में लिया गया। क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि यह हुक्का पार्लर बिना लाइसेंस के चल रहा था और युवाओं के लिए एक लोकप्रिय अड्डा बन चुका था। पुलिस ने वहां से तंबाकू उत्पाद और हुक्का उपकरण जब्त किए। इन सामानों को जब्त करने की प्रक्रिया पूरी की गई, और सभी 24 लोगों को पूछताछ के लिए तिलक नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 287, 125, 223, और 3(5) के साथ-साथ COTPA की धारा 4 और 21 के तहत मामला दर्ज किया गया।
यह छापेमारी सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर भरत घोने के नेतृत्व में हुई, जिन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर सुशांत सावंत और उनकी टीम के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया। इस टीम में संदीप रहाणे, मशरे, बेलनेकर, देसाई, चव्हाण, जेडगुले, वानखेड़े, भालेराव, ससाणे, और बोधरे जैसे अधिकारी शामिल थे। क्राइम ब्रांच यूनिट-6 अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह अवैध हुक्का पार्लर (Illegal Hookah Parlour) कितने समय से चल रहा था और इसके पीछे और कौन-कौन शामिल है।
मुंबई में हुक्का पार्लरों का इतिहास विवादों से भरा रहा है। 2017 में कमला मिल्स अग्निकांड के बाद हुक्का पार्लरों पर सख्ती बढ़ी थी, जिसमें 14 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद से मुंबई में हुक्का परोसने पर कई प्रतिबंध लगाए गए। COTPA के तहत, सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू-आधारित हुक्का परोसना गैरकानूनी है। कई बार मालिक हर्बल हुक्का का दावा करते हैं, लेकिन जांच में तंबाकू का इस्तेमाल पाया जाता है। वन लाइफ कैफे (One Life Café) भी ऐसा ही मामला था, जहां फ्लेवर्ड तंबाकू का इस्तेमाल हो रहा था।
चेंबूर के तिलक नगर जैसे इलाके, जो अपने जीवंत माहौल और आवासीय कॉलोनियों के लिए जाने जाते हैं, में ऐसे हुक्का पार्लर युवाओं को आकर्षित करते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि देर रात तक चलने वाले ये कैफे अक्सर शोर और भीड़ का कारण बनते हैं। कुछ लोग इन्हें सामाजिक बुराई मानते हैं, क्योंकि ये न केवल कानून तोड़ते हैं, बल्कि युवाओं को तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थों की ओर भी ले जाते हैं। इस छापेमारी ने एक बार फिर ऐसे स्थानों पर नजर रखने की जरूरत को उजागर किया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई का मकसद न केवल अवैध गतिविधियों को रोकना है, बल्कि युवाओं को गलत रास्ते पर जाने से बचाना भी है। उन्होंने कहा कि कई बार युवा बिना सोचे-समझे ऐसे पार्लरों में चले जाते हैं, जहां उनकी सेहत और भविष्य दोनों को खतरा होता है। इस छापेमारी से पहले भी चेंबूर में 2022 में टाइगर-टाइगर हुक्का पार्लर पर छापा पड़ा था, जहां 42 लोगों को हिरासत में लिया गया था। ये घटनाएं बताती हैं कि क्राइम ब्रांच इस तरह की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है।
वन लाइफ कैफे की यह घटना केवल एक रात की कार्रवाई नहीं है। यह मुंबई के उन छिपे हुए कोनों को उजागर करती है, जहां कानून की आंखों से बचकर अवैध धंधे चलते हैं। क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई ने कैफे मालिकों और ग्राहकों को साफ संदेश दिया है कि नियम तोड़ने की कोई जगह नहीं है। तिलक नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले की जांच अब यह खुलासा करेगी कि इस हुक्का पार्लर का नेटवर्क कितना बड़ा था और इसे कौन-कौन संचालित कर रहा था।
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