नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का बहुप्रतीक्षित IPO अभी निवेशकों के लिए उपलब्ध नहीं होगा। NSE के CEO आशीष कुमार चौहान ने गुरुवार को बताया कि IPO के लिए मंजूरी के इंतज़ार में है।
दरअसल, NSE पिछले कई सालों से अलग-अलग विवादों में घिरा रहा है। 2015 में हुए को-लोकेशन घोटाले ने इसकी छवि को काफ़ी नुकसान पहुंचाया था। साल 2021 में NSE का सर्वर तकनीकी खामियों की वजह से कुछ घंटों के लिए ठप्प पड़ गया था, तब भी SEBI की कार्रवाई हुई थी। BSE के बाद NSE देश का दूसरा प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है।
आशीष कुमार चौहान ने बताया कि SEBI से मंज़ूरी मिलते ही NSE अपनी IPO की प्रक्रिया शुरू कर देगा। NSE को अपने IPO से भारी रकम जुटाने की उम्मीद है।
SEBI की सतर्कता की वजह से अक्सर कंपनियों के IPO में देरी हो जाती है, लेकिन जानकारों का मानना है कि SEBI की यह नीति निवेशकों के हित में है। पिछले साल SEBI के एक अध्ययन में पाया गया था कि F&O ट्रेडिंग में 10 में से 9 निवेशकों को घाटा होता है। इसीलिए SEBI नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर विशेष नज़र रखे हुए है।
NSE के CEO आशीष कुमार चौहान ने कमोडिटी ट्रेडिंग पर भी अपनी राय साझा की। उनका कहना है कि NSE ऐसे कमोडिटीज़ पर फोकस करेगा जहां निवेशकों की दिलचस्पी ज़्यादा हो।
 
 
































