Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को हुए एक दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इनमें से एक शख्स नवी मुंबई के पनवेल का रहने वाला था, जिसकी पहचान दिलीप देशाले (64) के रूप में हुई। यह घटना बाइसारन घाटी में हुई, जो पहलगाम का एक खूबसूरत और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय स्थल है। इस हमले ने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि पूरे देश और दुनिया को स्तब्ध कर दिया। इस लेख में हम इस घटना के बारे में विस्तार से जानेंगे और उन परिवारों की कहानी को समझेंगे, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया।
पहलगाम में क्या हुआ?
पहलगाम, जिसे अक्सर “मिनी स्विट्जरलैंड” कहा जाता है, अपनी हरी-भरी घाटियों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। लेकिन 22 अप्रैल की दोपहर करीब 3 बजे, यह खूबसूरत जगह खून से लाल हो गई। आतंकवादियों ने बाइसारन घाटी में अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। ये आतंकी पहाड़ों से नीचे उतरे और पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी पर्यटक और एक खुफिया अधिकारी भी शामिल थे। कई अन्य लोग घायल हुए, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक एक आतंकी संगठन ने ली, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, आतंकी जम्मू के किश्तवाड़ से कोकेरनाग के रास्ते बाइसारन पहुंचे थे। यह हमला इतना भयावह था कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए सबसे बड़े हमलों में से एक बताया।
पनवेल के दिलीप देशाले की कहानी
इस हमले में नवी मुंबई के पनवेल के रहने वाले दिलीप देशाले की भी जान चली गई। दिलीप, जो 64 साल के थे, पनवेल की खांडा कॉलोनी में रहते थे। वह एक टूरिस्ट ग्रुप के साथ जम्मू-कश्मीर की सैर पर गए थे। यह ग्रुप निसर्ग ट्रैवल्स, पनवेल के जरिए 39 लोगों का था। दिलीप के परिवार के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं थी। उनके पड़ोसियों और दोस्तों ने बताया कि दिलीप एक मिलनसार और खुशमिजाज इंसान थे, जो अपने परिवार और दोस्तों के लिए हमेशा मौजूद रहते थे। उनकी अचानक मौत ने पूरे समुदाय को गमगीन कर दिया।
पनवेल सिटी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक नितिन ठाकरे ने बताया कि दिलीप की मौत की पुष्टि हो चुकी है। उनके परिवार को सूचित कर दिया गया है और प्रशासन उनकी हर संभव मदद कर रहा है। दिलीप की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर कब तक मासूम लोग आतंकवाद का शिकार बनते रहेंगे?
एक और पर्यटक घायल
दिलीप के अलावा, पनवेल के ही एक अन्य पर्यटक, सुबोध पाटिल, इस हमले में घायल हो गए। सुबोध को गंभीर हालत में श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी पत्नी, माणिक पाटिल, उनके साथ हैं और उनकी देखभाल कर रही हैं। सुबोध और माणिक भी उसी 39 सदस्यीय टूरिस्ट ग्रुप का हिस्सा थे, जो निसर्ग ट्रैवल्स के साथ यात्रा कर रहा था। सौभाग्य से, ग्रुप के बाकी सभी सदस्य सुरक्षित हैं।
सुबोध के परिवार ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ कश्मीर की खूबसूरती का आनंद लेने गए थे। लेकिन इस यात्रा ने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। अस्पताल में सुबोध की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उनके ठीक होने में अभी समय लग सकता है। उनके दोस्त और रिश्तेदार लगातार उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं।
देश और दुनिया की प्रतिक्रिया
इस हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब की यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिल्ली लौटने का फैसला किया। दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। पीएम मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं, दुनिया भर के नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे “क्रूर अपराध” करार दिया और भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वैंस, जो उस समय भारत में थे, ने भी इस हमले की निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इजरायल, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल जैसे देशों ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ अपनी एकजुटता दिखाई।
स्थानीय लोगों का दर्द
पहलगाम के स्थानीय लोग भी इस हमले से गहरे आहत हैं। बारामूला, श्रीनगर, पुंछ और कुपवाड़ा में स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। कुपवाड़ा के पीडीपी नेता मीर मोहम्मद फैयाज ने कहा कि यह हमला न केवल पर्यटकों पर, बल्कि इंसानियत पर हमला है। उन्होंने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। जम्मू में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी इस हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया।
पहलगाम के एक स्थानीय निवासी, उमर ने कहा, “हम बहुत दुखी हैं। हमारे मेहमानों पर हमला हुआ है। यह हम सबके लिए नुकसान है।” स्थानीय लोगों का कहना है कि पहलगाम हमेशा से शांति और खूबसूरती का प्रतीक रहा है, लेकिन इस हमले ने उसकी छवि को धूमिल कर दिया।
प्रशासन का कदम
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। पूरे क्षेत्र में वाहनों की जांच तेज कर दी गई है। रायगढ़ प्रशासन ने उन लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिनके रिश्तेदार या परिचित जम्मू-कश्मीर में हैं और जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है। ये हेल्पलाइन नंबर हैं: 02141-222118, 02141-222097, 8275152363, और 9763646326।
एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइंस ने भी श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए अतिरिक्त उड़ानें शुरू की हैं। साथ ही, 30 अप्रैल 2025 तक श्रीनगर से आने-जाने वाली उड़ानों के लिए मुफ्त रीशेड्यूलिंग और पूर्ण रिफंड की सुविधा दी जा रही है।
आतंकवाद का पुराना दर्द
यह हमला जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा हमला है, जो 2019 के पुलवामा हमले की याद दिलाता है। उस हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। पहलगाम में इससे पहले मई 2024 में भी पर्यटकों पर हमला हुआ था, जिसमें दो लोग घायल हुए थे। लेकिन इस बार का हमला अपनी भयावहता के कारण पूरे देश को हिला गया।
आतंकवाद ने एक बार फिर कश्मीर की खूबसूरती को दागदार करने की कोशिश की है। लेकिन स्थानीय लोगों और पूरे देश की एकजुटता इस बात का सबूत है कि हम इस बुराई के सामने नहीं झुकेंगे।
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