महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में आरक्षण की सियासत: मराठा आंदोलन के बाद बंजारा और धनगर समाज की आई नई मांगें

आरक्षण

महाराष्ट्र की राजनीति में आरक्षण एक बार फिर बड़ा मुद्दा बन गया है। मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद अब अन्य समाज भी अपनी आवाज तेज कर रहे हैं। बंजारा और धनगर समाज ने अनुसूचित जनजाति (ST) प्रवर्ग से आरक्षण की मांग उठाई है, जिससे राज्य की सियासत और गरमा गई है।

बंजारा समाज की मांग
मुंबई में हुई एक सर्वदलीय बैठक में बंजारा समाज के नेताओं ने ST आरक्षण की मांग दोहराई। उनका कहना है कि हैदराबाद गैजेटियर में बंजारा समाज को पहले से ही अनुसूचित जनजाति में दर्ज किया गया है। इसी आधार पर अब समाज ने सरकार से आधिकारिक मान्यता की मांग की है। बैठक में मंत्री संजय राठौड़ समेत कई विधायक मौजूद रहे। आने वाले दिनों में समाज की ओर से राज्य सरकार को रिपोर्ट और मांगपत्र सौंपा जाएगा।

धनगर समाज की चेतावनी
दूसरी ओर, जालना में धनगर समाज ने भी आरक्षण के लिए आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। समाज ने जिला अधिकारी के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए ST प्रवर्ग से आरक्षण की त्वरित अमलवारी की मांग की। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर जल्द फैसला नहीं हुआ, तो जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर अनशन आंदोलन किया जाएगा।

मराठा क्रांती मोर्चा का विरोध
इस बीच, धाराशिव में मराठा क्रांती मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि मराठा समाज को आरक्षण केवल ओबीसी कोटे से सीधे मिलना चाहिए, न कि कुणबी-मराठा के नाम पर। राज्य समन्वयक सुनील नागणे ने कहा कि जिनके दस्तावेजों में कुणबी प्रविष्टि दर्ज है, उन्हें ही आरक्षण मिलना चाहिए। वहीं, जिनकी जाति “मराठा” दर्ज है, उन्हें इस दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। नागणे ने चेतावनी दी कि “सरसकट कुणबी प्रमाणपत्र” समाज के साथ अन्याय होगा और ये टिकाऊ समाधान नहीं है।

बढ़ती हलचल
मराठा आंदोलन के बाद सरकार द्वारा कई मांगें स्वीकार की जा चुकी हैं। लेकिन अब लगातार बंजारा, धनगर, NT और ST समाज से आवाज उठने लगी है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति और प्रशासन के लिए आरक्षण का मुद्दा और चुनौतीपूर्ण होने वाला है।

अब ऐसे में सवाल यही है कि क्या सरकार इन तमाम समाजों की मांगों को संतुलित कर पाएगी या ये मुद्दा एक और बड़े आंदोलन की वजह बनेगा?

ये भी पढ़ें: Lalbaug Raja Visarjan Sparks Row: चंद्रग्रहण में लालबाग राजा का विसर्जन, मछुआरों ने कहा- आस्था का अपमान, कार्रवाई हो

You may also like