महाराष्ट्र

Pune Couple Distributes Free Chicken: आधार कार्ड दिखाओ, मुर्गा ले जाओ! पुणे के इस दंपति ने वोटरों को लुभाने के लिए चिकन बांटकर मचा दी सनसनी!

Pune Couple Distributes Free Chicken: आधार कार्ड दिखाओ, मुर्गा ले जाओ! पुणे के इस दंपति ने वोटरों को लुभाने के लिए चिकन बांटकर मचा दी सनसनी!

Pune Couple Distributes Free Chicken: पुणे के धनोरी इलाके में आषाढ़ माह के आखिरी रविवार को एक अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां धनंजय जाधव और उनकी पत्नी पूजा जाधव ने अपने धनंजय जाधव फाउंडेशन के जरिए 5000 किलो चिकन मुफ्त में बांटा। यह आयोजन गटारी पर्व के मौके पर किया गया, जब महाराष्ट्र में लोग खुलकर नॉनवेज खाने का लुत्फ उठाते हैं। लेकिन इस फ्री चिकन की खबर जैसे ही फैली, धनोरी के सात अलग-अलग जगहों पर लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। हर कोई बस एक किलो चिकन पाने की होड़ में था।

शुरुआत में आयोजकों ने नियम बनाया कि चिकन लेने के लिए आधार कार्ड या वोटर आईडी दिखाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, हालात बेकाबू हो गए। लोग बिना रजिस्ट्रेशन और बिना आईडी चेक के चिकन लेने के लिए टूट पड़े। देखते ही देखते सैकड़ों लोग लाइनों में लग गए, और आयोजकों को भी नियमों को दरकिनार करना पड़ा। इस पूरे तमाशे का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया, और लोग इसे पुणे महानगरपालिका चुनाव से जोड़कर देखने लगे।

धनंजय जाधव ने इस आयोजन के पीछे का मकसद बताते हुए कहा कि आषाढ़ माह में लोग दावतें करते हैं, लेकिन कई बार शराब के नशे में बेकाबू हो जाते हैं। उनका मानना था कि एक किलो चिकन चार लोगों के परिवार के लिए काफी है, ताकि लोग घर पर बैठकर परिवार के साथ समय बिता सकें। इस आयोजन में खासतौर पर महिलाएं भी शामिल हुईं, जो अपने परिवार के लिए चिकन लेने पहुंची थीं। यह बात लोगों को पसंद आई, लेकिन सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे चुनावी चाल बताया।

मराठी पंचांग के हिसाब से आषाढ़ माह के बाद श्रावण मास शुरू होता है, जब ज्यादातर लोग शाकाहारी भोजन अपनाते हैं। इसीलिए गटारी अमावस्या के दिन मांसाहारी खाने की मांग बढ़ जाती है। धनंजय और पूजा जाधव ने इसी मौके को चुना और धनोरी, भैरवनगर, सादबानगर, जकात नाका और मुंजाबावस्ती जैसे इलाकों में चिकन बांटने का इंतजाम किया। इन इलाकों से धनंजय जाधव पार्षद बनने की उम्मीद रखते हैं।

सोशल मीडिया पर इस घटना ने खूब सुर्खियां बटोरीं। एक यूजर ने लिखा कि यह सब वोटरों को लुभाने की तरकीब है। लोग इस आयोजन को लेकर दो हिस्सों में बंट गए। कुछ इसे सामाजिक एकता की कोशिश मान रहे थे, तो कुछ ने इसे खुलेआम वोट खरीदने की चाल करार दिया। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कैसे लोग चिकन लेने के लिए बेताब थे, और भीड़ को काबू करना आयोजकों के लिए मुश्किल हो गया। यह घटना अब पूरे पुणे में चर्चा का विषय बन चुकी है।

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