Naxalism: नक्सलवाद की शुरुआत 25 मई 1967 को पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी नामक गाँव में हुई थी। यह एक किसान विद्रोह था जो जमींदारी प्रथा और पुलिस के अत्याचार के खिलाफ शुरू हुआ था।
नक्सलवाद के मुख्य कारण:
- जमींदारी प्रथा: नक्सलबाड़ी में, जमींदार किसानों से बहुत अधिक लगान वसूलते थे और उनका शोषण करते थे। किसानों ने इस शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और जमींदारी प्रथा को समाप्त करने की मांग की।
- पुलिस का अत्याचार: नक्सलबाड़ी में पुलिस किसानों पर अत्याचार करती थी और उन्हें डराती-धमकाती थी। किसानों ने पुलिस के अत्याचार से परेशान होकर विद्रोह कर दिया।
- गरीबी और बेरोजगारी: नक्सलबाड़ी के किसान बहुत गरीब थे और उनके पास रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं थे। उन्होंने अपनी गरीबी और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाई।
- सामाजिक अन्याय: नक्सलबाड़ी में दलितों और आदिवासियों के साथ भेदभाव होता था। उन्होंने सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।
नक्सलवाद (Naxalism) का प्रभाव:
नक्सलवाद का प्रभाव पश्चिम बंगाल से शुरू हुआ और धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल गया। आज नक्सलवाद भारत के 11 राज्यों में सक्रिय है। नक्सलवाद ने भारत में कई लोगों की जान ले ली है और यह भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
नक्सलवाद (Naxalism) का समाधान:
नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिसिया कार्रवाई से नहीं हो सकता है। नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए सरकार को गरीबी, बेरोजगारी, सामाजिक अन्याय और भेदभाव जैसी समस्याओं का समाधान करना होगा। सरकार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देनी होगी और लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।