सुरक्षा विशेषज्ञ नमित वर्मा के अनुसार, इजराइल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जान को संभावित खतरे के बारे में खुफिया जानकारी भारत के साथ साझा की थी। यह जानकारी उनकी हत्या के बाद गायब हो गई थी। वर्मा का दावा है कि यह जानकारी पिछले तीन-चार दशकों में इजराइल द्वारा भारत के साथ साझा की गई सबसे महत्वपूर्ण जानकारियों में से एक थी।
जानकारी का गायब होना
वर्मा के अनुसार, यह खुफिया जानकारी या तो गुम हो गई, या हटा दी गई, या उसके साथ कुछ भी हो सकता है। उन्होंने यह बात Usanas फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘इंटेलिजेंस कोऑपरेशन एंड सिक्योरिटी चैलेंजेज इन द’ शीर्षक पर चर्चा के दौरान कही।
इजराइल की भूमिका
इजराइल ने राजीव गांधी की हत्या के बाद भारत से उस खुफिया जानकारी की एक और कॉपी मांगी थी, लेकिन इजराइल ने इसे कभी नहीं दिया। वर्मा के अनुसार, दो देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करने में कैसे राजनीति होती है, इसका इससे अधिक साफ उदाहरण नहीं हो सकता है।
राजनीतिक परिणाम
राजीव गांधी की हत्या के बाद भारतीय राजनीति में बड़े बदलाव आए। इस घटना ने न केवल भारतीय राजनीति को प्रभावित किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी इसका गहरा असर पड़ा।
राजीव गांधी की हत्या से जुड़ी खुफिया जानकारी का गायब होना एक रहस्य बना हुआ है। इस घटना ने सुरक्षा और खुफिया संबंधी मामलों में गंभीरता और सतर्कता की आवश्यकता को उजागर किया है। इस मामले में आगे की जांच और खुलासे की प्रतीक्षा है।