मुंबई में खलबली मची है। लोकप्रिय अभिनेता रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक डीपफेक वीडियो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। ये वो वीडियो है जिसमें उन्हें राजनीतिक टिप्पणी करते दिखाया गया था। गौर करने वाली बात ये है कि यह वीडियो पूरी तरह से AI तकनीक का इस्तेमाल कर बनाया गया था।
अपने सोशल मीडिया पर रणवीर ने इस वीडियो को सिरे से झूठा बताया। उन्होंने साफ कहा कि वह कभी भी राजनीतिक मामलों में टिप्पणी नहीं करते। रणवीर ने अपने प्रशंसकों से आग्रह किया कि इस तरह के भ्रामक वीडियो को आगे न शेयर करें और गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने में मदद करें।
FIR में शामिल गंभीर आरोप
दर्ज करवाई गई FIR में रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने अज्ञात लोगों के खिलाफ जालसाजी, मानहानि, आईटी अधिनियम के उल्लंघन और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत शिकायत दर्ज करवाई है। उनका दावा है कि उनकी सहमति के बिना वीडियो बनाया गया था जिसका मकसद उनकी छवि को धूमिल करना और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था। रणवीर सिंह ने पुलिस से आरोपियों की पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
डीपफेक का बढ़ता खतरा
डीपफेक वीडियो कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर बनाए जाते हैं और गलत सूचना तथा दुष्प्रचार फैलाने का एक शक्तिशाली हथियार बन चुके हैं। ये वीडियो किसी की आवाज और चेहरे को इतनी सफाई से बदल सकते हैं कि असली और नकली में फर्क करना नामुमकिन हो जाता है। रणवीर सिंह का मामला डीपफेक वीडियो के खतरों को उजागर करता है और इस बात को रेखांकित करता है कि इनसे निपटने के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए।
आगे क्या होगा?
अब पुलिस रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की शिकायत की जांच करेगी और आरोपियों को पकड़ने का प्रयास करेगी। यह देखना बाकी है कि क्या इस मामले में कोई गिरफ्तारी होती है या नहीं। उम्मीद की जाती है कि ये घटना डीपफेक वीडियो के खतरों को लेकर जागरूकता बढ़ाने में मददगार होगी और भविष्य में इस तरह के वीडियो बनाने और फैलाने वालों के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत को रेखांकित करेगी।