Saif Attack: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले का मामला अब नई दिशा में बढ़ रहा है। इस घटना ने न सिर्फ फिल्मी दुनिया को हिलाकर रख दिया, बल्कि आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बन गया। मुंबई की बांद्रा पुलिस ने इस मामले में एक मजबूत चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शरीफुल फकीर इस्लाम को मुख्य आरोपी बताया गया है। यह चार्जशीट 1600 पन्नों से ज्यादा की है और इसमें ऐसे सबूत हैं जो इस हमले की पूरी कहानी को साफ कर देते हैं।
इस घटना की शुरुआत 16 जनवरी को हुई, जब सैफ अली खान अपने बांद्रा (वेस्ट) स्थित घर में थे। उस रात एक अनजान शख्स उनके घर में घुस आया। यह कोई साधारण चोर नहीं था, बल्कि एक ऐसा हमलावर था जिसके पास चाकू और डंडा था। पुलिस की जांच में पता चला कि यह शख्स शरीफुल था, जो बांग्लादेश से भारत आया था और गैरकानूनी तरीके से यहाँ रह रहा था। उसने सैफ के घर में घुसने के लिए एक खास रास्ता चुना। वह पहले चार फीट ऊँची दीवार पर चढ़ा, फिर सीढ़ी का इस्तेमाल करके 12 फीट की ऊँचाई तक पहुँचा। वहाँ से वह नलियों के सहारे चौथी मंजिल तक गया और फिर सीढ़ियों से दसवीं मंजिल पर पहुँचकर बाथरूम के रास्ते घर में दाखिल हुआ।
घर में घुसते ही शरीफुल ने सबसे पहले सैफ के बेटे की नानी एलियम्मा फिलिप को निशाना बनाया। वह बाथरूम में छिपा हुआ था और जब नानी ने उसे देखा, तो उसने उनसे एक करोड़ रुपये की माँग की। नानी के साथ उसकी झड़प हुई और शोर सुनकर घर की दूसरी नौकरानियाँ मदद के लिए चिल्लाने लगीं। ऊपरी मंजिल पर मौजूद सैफ यह सब सुनकर नीचे आए और हमलावर से भिड़ गए। इस छोटी सी लड़ाई में शरीफुल ने सैफ पर चाकू से छह बार वार किया। सैफ गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन घरवालों ने हिम्मत दिखाई और हमलावर को एक कमरे में बंद कर दिया। मगर दरवाजा ठीक से बंद नहीं हुआ और शरीफुल भाग निकला। सैफ को तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर थी।
पुलिस ने इस हमले के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू की। तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद शरीफुल को ठाणे के एक मजदूर कैंप से गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन सवाल यह था कि क्या सचमुच यह वही शख्स था जिसने सैफ पर हमला किया? इसका जवाब ढूंढने के लिए पुलिस ने तकनीक और फोरेंसिक सबूतों का सहारा लिया। चार्जशीट में जो सबूत पेश किए गए, वे हैरान करने वाले हैं। पुलिस ने सैफ के घर और आसपास के इलाकों से 300 से ज्यादा CCTV फुटेज इकट्ठे किए। इनमें से 25 फुटेज में शरीफुल का चेहरा साफ दिखाई दिया। ये फुटेज सैफ के बिल्डिंग के अंदर, बाहर, बांद्रा रेलवे स्टेशन, दादर और वर्ली जैसे इलाकों से लिए गए थे। इनसे पता चला कि हमले के बाद शरीफुल कहाँ-कहाँ गया।
साथ ही, फोरेंसिक विशेषज्ञों ने एक और बड़ा खुलासा किया। सैफ की पीठ से निकाला गया चाकू का टुकड़ा और शरीफुल के बैग से बरामद चाकू एक ही हथियार के हिस्से थे। यह बैग शरीफुल ने बांद्रा में ही कहीं फेंक दिया था, जिसे पुलिस ने ढूंढ निकाला। इसके अलावा, DNA टेस्ट और उंगलियों के निशानों ने भी पक्का कर दिया कि शरीफुल ही उस रात सैफ के घर में था। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन भी जब्त किया, जिसमें उसकी लोकेशन और परिवार से बातचीत के सबूत मिले। उसने मैसेजिंग ऐप के जरिए अपने परिवार से संपर्क किया था, जिसका इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल्स चार्जशीट में शामिल है।
इस मामले में एक और अहम सबूत टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड (TIP) से आया। सैफ के बेटे की नानी एलियम्मा, जो इस मामले की शिकायतकर्ता भी हैं, और अन्य गवाहों ने शरीफुल को हमलावर के रूप में पहचाना। पुलिस ने यह भी बताया कि शरीफुल बांद्रा में एक होटल में कुछ दिन काम कर चुका था, जो सैफ की बिल्डिंग के पास ही था। वहाँ से निकाले जाने के बाद उसने इलाके की भौगोलिक स्थिति को समझा और हमले की योजना बनाई। चार्जशीट में पासपोर्ट एक्ट की धाराएँ भी जोड़ी गई हैं, क्योंकि शरीफुल के पास भारतीय नागरिकता का कोई दस्तावेज नहीं था।
अब शरीफुल आर्थर रोड सेंट्रल जेल में बंद है। उसके वकील ने जमानत के लिए अर्जी दी है, जिसकी सुनवाई 17 अप्रैल को होनी है। पुलिस ने चार्जशीट में हमले की पूरी कहानी को फिर से बनाया है। शरीफुल ने बताया कि उसने भागने के लिए वही रास्ता इस्तेमाल किया, लेकिन सीढ़ी न मिलने की वजह से उसे पहली मंजिल से कूदना पड़ा। यह सब सुनकर लगता है कि यह कोई फिल्मी सीन हो, लेकिन यह हकीकत है जो सैफ और उनके परिवार के लिए बेहद डरावनी थी।
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