सांगली में चल रही नशे के कारोबार की बड़ी फैक्ट्री का खुलासा करने के बाद, मुंबई क्राइम ब्रांच को एक अहम कामयाबी मिली है। क्राइम ब्रांच ने इस मामले के अहम किरदार 33 साल के हवाला ऑपरेटर को दबोच लिया है। पुलिस का कहना है कि ये हवाला ऑपरेटर नशे के सौदागरों से पैसा लेता था और ड्रग्स बनाने वाले मास्टरमाइंड, प्रवीण उर्फ नागेश रामचंद्र शिंदे, को ये पैसा हवाला के ज़रिए पहुंचाता था।
बताया जा रहा है कि मुंबई में ड्रग फैक्ट्री चलाने वाला शिंदे अक्सर कालबादेवी इलाके में इस हवाला ऑपरेटर, जेशभाई मोताबाई, से मिलकर पैसे लेने जाता था। पुलिस ने जानकारी दी है कि पिछले कुछ महीनों में करोड़ों रुपयों का लेन-देन इन दोनों के बीच हुआ है। इसी महीने, शिंदे ने 3.46 करोड़ रुपये लिए और अपने एक दोस्त के घर में भिवंडी में छिपाकर रखे थे। 30 मार्च को, क्राइम ब्रांच ने इस घर पर धावा बोलकर ये सारा पैसा जब्त कर लिया है।
अब खबर है कि सांगली में फैक्ट्री छापे के बाद, इस पूरे कारोबार से जुड़ा हवाला ऑपरेटर डर कर मुंबई से भाग गया था। गुजरात के बनासकांठा जिले में छिपे इस ऑपरेटर को ढूंढने में मुंबई पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। डीसीपी दत्ता नलवाडे ने बताया, “हमें पता चला कि ये मुंबई आया हुआ है, हमने इसे ट्रैक किया और गिरफ्तार कर लिया।”
जेशभाई मोताबाई की गिरफ़्तारी से पुलिस को उम्मीद है कि अब वो इस ड्रग्स के गोरखधंधे में शामिल और भी लोगों का पता लगा पाएंगे। अधिकारी ने बताया, “यह पिछले 2 सालों से इस काम में था और इसने फोन से सारे सबूत मिटा दिए थे। लेकिन हमने पूरे नेटवर्क की पहचान कर ली है, जल्द ही सबको पकड़ा जाएगा।” फिलहाल, मोताबाई को कोर्ट में पेश किया गया है और पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया है।
गौरतलब है कि इस ड्रग्स रैकेट के मामले में अभी तक शिंदे समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शिंदे ने पूछताछ में बताया कि उसके पास नशे के कारोबार से आए 3 करोड़ और भी थे जो उसने भिवंडी में दोस्त के यहां छिपाए थे। क्राइम ब्रांच द्वारा दोस्त के घर छापेमारी में 3.46 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं।