सेबी का नया नियम: क्या है नया नियम?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनियों के लिए एक नया नियम प्रस्तावित किया है। अब कंपनियों को अपने बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (BRSR) फ्रेमवर्क के तहत ‘ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम’ से संबंधित जानकारी भी देनी होगी।
ग्रीन क्रेडिट क्या है?
ग्रीन क्रेडिट एक तरह से कंपनियों को पर्यावरण के लिए किए गए अच्छे कामों का इनाम है। ये क्रेडिट कंपनियां और उनके साथ जुड़े बिजनेस (वैल्यू चेन पार्टनर्स) पेड़ लगाने, नदियों के आसपास के इलाकों को साफ करने जैसे कामों से कमा सकते हैं।
क्यों जरूरी है ये जानकारी देना?
सेबी का मानना है कि इससे कंपनियां और उनके साथ जुड़े बिजनेस पर्यावरण के लिए अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। ये जानकारी देने से कंपनियां दिखा सकेंगी कि वो पर्यावरण के प्रति कितनी जिम्मेदार हैं।
नियम में और क्या बदलाव?
इसके अलावा सेबी ने ‘वैल्यू चेन पार्टनर्स’ की परिभाषा को भी बदलने का प्रस्ताव दिया है। अब इसमें वो सभी कंपनियां शामिल होंगी जो किसी कंपनी के साथ बिजनेस करती हैं, चाहे वो सामान खरीदने वाली हों या बेचने वाली।
कब तक देनी होगी ये जानकारी?
ये नियम अभी पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है। सेबी ने लोगों से 12 जून तक इस पर अपनी राय देने को कहा है। इसके बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा।