महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐसा भूचाल आया है, जिसने सभी राजनीतिक समीकरणों को हिला कर रख दिया है। शिंदे की मुख्यमंत्री दावेदारी (Shinde’s Chief Minister candidacy) को लेकर महायुति में गहरा संकट पैदा हो गया है। शिवसेना ने एक बड़ा कदम उठाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि एकनाथ शिंदे किसी भी परिस्थिति में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे।
सत्ता के गलियारों में उठते सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की ऐतिहासिक जीत के बाद सत्ता के समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। शिंदे की मुख्यमंत्री दावेदारी (Shinde’s Chief Minister candidacy) पर शिवसेना ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय शिरसात ने एक विस्तृत मीडिया वार्ता में कहा कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़े गए थे और जनता ने उन्हें ही मुख्यमंत्री के रूप में अपना समर्थन दिया है।
गठबंधन में बढ़ता तनाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। इस स्थिति में महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष की नई कहानी (New story of power struggle in Maharashtra) ने एक नया मोड़ ले लिया है। शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि लोकसभा चुनावों में महायुति के प्रदर्शन के बाद यह सर्वसम्मति से तय किया गया था कि विधानसभा में जीत मिलने पर शिंदे को मुख्यमंत्री पद सौंपा जाएगा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान चुनौतियां
जून 2022 का राजनीतिक उलटफेर महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जब शिंदे ने शिवसेना में बगावत करते हुए भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। उस समय की परिस्थितियों में फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया था। लेकिन अब राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल चुका है। महायुति ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतकर एक नया इतिहास रचा है, जिससे सत्ता के समीकरण में आमूल-चूल परिवर्तन की संभावना बन गई है।
नए समीकरण और भविष्य की राह
सूत्रों के अनुसार, एक नया राजनीतिक समीकरण भी सामने आ रहा है, जिसमें एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा है। श्रीकांत वर्तमान में कल्याण लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस बीच, महायुति के सभी घटक दल आपस में विचार-विमर्श कर रहे हैं और जल्द ही एक निर्णायक बैठक की संभावना है।
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