मुंबई: देश में हर साल लगभग 70,000 बच्चे कैंसर से पीड़ित होते हैं। इस संकट से लड़ने के लिए, टाटा अस्पताल ने अपने संबद्ध केंद्रों पर बाल कैंसर रोगियों के उपचार की क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई है।
- टाटा अस्पताल देश भर में संबद्ध केंद्रों में बच्चों के लिए कैंसर उपचार सुविधाओं का विस्तार करेगा।
- इस पहल से सालाना 6,000 से अधिक बच्चों का इलाज संभव होगा।
- वर्तमान में, खारघर, गुवाहाटी, वाराणसी, विशाखापत्तनम और चंडीगढ़ के अस्पतालों में कैंसर पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाता है।
- सुविधा विस्तार से और अधिक बच्चों के इलाज में मदद मिलेगी।
- देश में हर साल लगभग 70,000 बच्चे कैंसर का शिकार होते हैं।
टाटा अस्पताल, विशेष रूप से इसका बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग, देश में बाल चिकित्सा कैंसर देखभाल की अग्रणी संस्था है। मुंबई के परेल स्थित मुख्य अस्पताल के अलावा, टाटा अस्पताल के देश भर में कई संबद्ध केंद्र हैं। वर्तमान में, संबद्ध केंद्रों में कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए सीमित उपचार सुविधाएं उपलब्ध हैं।
देश में बढ़ते बाल चिकित्सा कैंसर के मामलों को देखते हुए, टाटा अस्पताल, बाल कैंसर से निपटने की अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है। अस्पताल का लक्ष्य अपने संबद्ध केंद्रों में बाल कैंसर उपचार सुविधाओं को बढ़ाना है, जिससे सालाना हजारों अतिरिक्त बच्चों को जीवन रक्षक उपचार मिल सके। विशेष रूप से, चंडीगढ़ और विशाखापत्तनम के केंद्रों में, जिनकी देखभाल की सीमित क्षमता है, विस्तार का विशेष प्रभाव पड़ेगा। बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. गिरीश चिन्नास्वामी के अनुसार, सभी केंद्रों में पूरी तरह से सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगभग दो साल लगने की संभावना है।
यह विस्तार परियोजना भारत में बाल चिकित्सा कैंसर देखभाल तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार करेगी। उपचार क्षमता बढ़ाने के अलावा, टाटा अस्पताल कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए मुफ्त उपचार, पोषण, शिक्षा और आवास प्रदान करने के लिए दानदाताओं से धन जुटा रहा है। अस्पताल की यह पहल निस्संदेह उन हजारों परिवारों के लिए आशा की किरण बनकर उभरेगी जो हर साल इस भयानक बीमारी के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।