राजस्थान के झुंझुनू में एक दलित युवक की निर्मम हत्या का एक भयावह वीडियो सामने आया है, जिसे आरोपी शराब माफियाओं ने फिल्माया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
बता दें कि ये घटना 14 मई को झुंझुनू जिले के बलोदा गांव में हुई थी। वीडियो में दिखाया गया है कि युवक के पैर बांधे गए थे और उसे दो या तीन लोगों द्वारा लाठियों से बेरहमी से पीटा जा रहा था। मृतक की पहचान रमेश्वर वाल्मीकि के रूप में हुई है। उसे शराब माफियाओं ने अगवा किया था और एक हवेली में ले जाकर बेरहमी से पीटा और मार डाला गया।
इस तरह बेरहमी से युवक की हत्या से प्रदेशभर में रोष है और लोग सीएम भजनलाल शर्मा से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। तो वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलौत ने भी सोशल मीडिया के जरये अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलौत ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, “सूरजगढ़, झुंझुनू में शराब माफिया की ओर से एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या एवं उसका वीडियो बनाकर वायरल करना। राजस्थान में सरकार और पुलिस के कमजोर होते इकबाल का प्रतीक है। आए दिन प्रदेशभर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद दलितों के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़े हैं। मीडिया में इमेज मेकिंग में व्यस्त राजस्थान सरकार इन घटनाओं को गंभीरता से ले एवं आगे इनकी पुनरावृति ना हो इसके लिए कार्य करे।”
सूरजगढ़, झुंझुनू में शराब माफिया द्वारा एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या एवं उसका वीडियो बनाकर वायरल करना राजस्थान में सरकार और पुलिस के कमजोर होते इकबाल का प्रतीक है। आए दिन प्रदेशभर से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद दलितों के खिलाफ अपराध तेजी से…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 22, 2024
गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है और युवक की मौत के बाद कार्रवाई में आई है। पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान दीपेंद्र उर्फ चिंटू राजपूत, प्रवीण उर्फ पीके मेघवाल, प्रवीण उर्फ बाबा मेघवाल, सुभाष उर्फ चिंटू मेघवाल और सतीश उर्फ सुखा मेघवाल के रूप में हुई है। खबरों के अनुसार, आरोपी इतिहास-शीटर हैं और अतीत में अन्य अपराधों में शामिल रहे हैं।
इस घटना ने दलित समुदाय के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मुद्दे को फिर से सामने ला दिया है और राजनीतिक नेतृत्व की जिम्मेदारियों पर सवाल उठाए हैं। इस तरह की घटनाएं समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और असमानता को उजागर करती हैं और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती है।
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