The Story of Akbar Nine Gems: मुगल बादशाह अकबर का शासन अपनी सूझबूझ और व्यवस्थित तरीके के लिए मशहूर है। सिर्फ 13 साल की उम्र में सत्ता संभालने वाले अकबर ने अपने साम्राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इसके लिए उन्होंने अपने आसपास नौ ऐसे खास लोगों को रखा, जिन्हें नवरत्न कहा गया। इनमें बीरबल, तानसेन, राजा मान सिंह, टोडरमल, अबुल फजल, फैजी, मुल्ला दो प्याजा, फकीर अजिओ-दीन और अब्दुल रहीम खान-ए-खाना शामिल थे। हर एक की अपनी खास प्रतिभा थी, जिसने मुगल सल्तनत को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई।
राजा मान सिंह युद्ध कला में माहिर थे। वे आमेर के राजा भारमल के भतीजे थे, जिनकी बेटी हरखा बाई का विवाह अकबर से हुआ था। अकबर ने उनकी युद्ध कौशल को देखते हुए उन्हें मुगल सेना का सुप्रीम सेनापति बनाया। 1589 तक राजा मान सिंह ने कई लड़ाइयों में जीत हासिल कर साम्राज्य का विस्तार किया।
बीरबल, जिनका असली नाम महेश दास था, अपनी बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाते थे। वे संस्कृत और फारसी के जानकार थे और काव्य रचना में भी निपुण थे। अकबर ने उन्हें विदेश मंत्री बनाया और कई बार सैन्य और प्रशासनिक कामों में भी उनकी मदद ली। अफगान जनजातियों के खिलाफ एक युद्ध में बीरबल की मृत्यु हो गई।
अबुल फजल मुबारक अकबर के सबसे करीबी सलाहकारों में से एक थे। 1575 में उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने अकबरनामा और आईन-ए-अकबरी जैसे ग्रंथ लिखे, जिनसे आज भी मुगल शासन की जानकारी मिलती है। उन्होंने बाइबिल का फारसी में अनुवाद भी किया।
तानसेन संगीत के क्षेत्र में बेजोड़ थे। 60 साल की उम्र में वे अकबर के नवरत्न बने। ध्रुपद शैली के जनक तानसेन ने कई राग बनाए और मुगल दरबार में कला और संस्कृति को बढ़ावा दिया। उनका बचपन का नाम रामतनु था और वे स्वामी हरिदास के शिष्य थे।
राजा टोडरमल को अकबर ने वित्त मंत्री बनाया। उन्होंने भू-सर्वेक्षण और बंदोबस्त प्रणाली शुरू की, जो आज भी पटवारी सिस्टम के रूप में जानी जाती है। उनकी नीतियों ने मुगल खजाने को मजबूत किया।
फैजी को शिक्षा का जिम्मा सौंपा गया। वे इस्लाम और ग्रीक साहित्य के जानकार थे। शुरू में वे अकबर के बेटों को पढ़ाते थे, लेकिन बाद में उनकी प्रतिभा को देखते हुए नवरत्न में शामिल किया गया।
मुल्ला दो प्याजा सल्तनत की आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। वे अकबर को गृह मंत्रालय से जुड़े मामलों में सलाह देते थे। हालांकि, कुछ इतिहासकार उन्हें काल्पनिक मानते हैं।
फकीर अजिओ-दीन धर्म से जुड़े मामलों को सुलझाते थे। वे अकबर को धार्मिक मुद्दों पर सलाह देते थे और पेचीदा मसलों को हल करने में मदद करते थे।
अब्दुल रहीम खान-ए-खाना बैरम खां के बेटे थे और रक्षा मंत्री के तौर पर काम करते थे। वे कवि और ज्योतिषी भी थे। उनके दोहे आज भी मशहूर हैं, और उन्होंने बाबरनामा का फारसी में अनुवाद भी किया।
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