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दिमाग के तेज़ हैं, पर किस्मत साथ नहीं दे रही! IIT-IIM वालों के बेरोजगार रहने की कहानी चौंका देगी

दिमाग के तेज़ हैं, पर किस्मत साथ नहीं दे रही! IIT-IIM वालों के बेरोजगार रहने की कहानी चौंका देगी

IIT-IIM वालों बेरोजगार? फलता की राह में मेहनत सबसे बड़ा हथियार होती है, या कम से कम हम अक्सर ऐसा ही मानते हैं। लेकिन क्या हो जब खूब पढ़ाई करने, अच्छे संस्थानों से बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद भी नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़े?

आज हम बात कर रहे हैं आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ने वाले उन छात्रों की, जिन्हें अपनी काबिलियत के हिसाब से रोज़गार नहीं मिल पा रहा है। क्या उनका मेहनत का फल कहीं खो गया है?

आईआईटी में दाखिला लेने के लिए जेईई एग्जाम पास करना होता है, जो दुनिया भर में सबसे कठिन माने जाने वाले एग्ज़ाम में से एक है। इसमें सफल होने वाले छात्रों की मेहनत और बुद्धिमानी की खूब तारीफ होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक नई रिपोर्ट चौंकाने वाली जानकारी दे रही है? इस रिपोर्ट के अनुसार, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों से निकले कई छात्र अपनी योग्यता के अनुसार नौकरियां पाने में नाकामयाब हो रहे हैं।

आखिर इसकी वजह क्या हो सकती है? जानकार इसपर कई कारण गिनाते हैं। सबसे प्रमुख कारण है देश में बेरोजगारी का लगातार बढ़ता हुआ स्तर।  इसके अलावा, कई कंपनियां आजकल ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती हैं जिनके पास खास तरह के स्किल्स हों। हो सकता है कि हमेशा ये स्किल्स इन संस्थानों की पढ़ाई के तरीके का हिस्सा ना हों।

एक समस्या ये भी देखी जा रही है कि कुछ छात्रों को लगता है कि बड़ी डिग्री है तो कंपनियां बड़ी तनख्वाह पर उन्हें नौकरी पर रखने के लिए तैयार ही बैठ होंगी। लेकिन ज़रूरी नहीं कि उनके पास कंपनी को देने के लिए वो विशेष योग्यता और स्किल्स हों जो चाहिए। इसके अलावा, पूरी दुनिया में चल रही आर्थिक मंदी भी नौकरियां मिलने में एक बड़ी बाधा बन रही है, कंपनियां कम लोगों को नौकरी दे रही हैं।

ये एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सरकार, शिक्षण संस्थानों और कंपनियों, सब को मिलकर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है। हमें ये समझना होगा कि सिर्फ नामी संस्थान की डिग्री काफी नहीं है। साथ में वो स्किल्स सीखना और मार्केट में अपनी उपयोगिता साबित करना भी बेहद ज़रूरी है जो आजकल कंपनियों की मांग हैं।

आईआईटी-आईआईएम जैसे संस्थानों में पढ़ने की चाहत रखने वाले युवाओं के मन में इस खबर से कई सवाल उठेंगे। लेकिन इसका मतलब ये हरगिज़ नहीं कि पढ़ाई-लिखाई का कोई फायदा नहीं है। बस, अब पढ़ाई के साथ इंडस्ट्री की बदलती ज़रूरतें समझना, सही मार्गदर्शन और स्किल्स डेवलपमेंट पहले से भी ज़्यादा अहम हो गया है।

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