Truce in Maharashtra’s Political Cold War: महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे कोल्ड वॉर की चर्चा लंबे समय से हो रही थी। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सीएम फडणवीस ने इस कोल्ड वॉर पर युद्धविराम लगा दिया है। इसके लिए उन्होंने एक संतुलित कदम उठाया है, जिससे शिंदे को खुश करने की कोशिश की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, परिवहन मंत्री और एकनाथ शिंदे के करीबी प्रताप सरनाईक को एसटी महामंडल (स्टेट ट्रांसपोर्ट) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले सीएम फडणवीस ने परंपरा से हटकर आईएएस अधिकारी संजय सेठी को इस पद पर नियुक्त किया था। पिछले एक दशक से एसटी महामंडल के चेयरमैन का पद जनप्रतिनिधि के पास होता था, लेकिन फडणवीस ने इस परंपरा को तोड़ दिया था।
इस नियुक्ति के बाद बीजेपी और शिंदे गुट के बीच तनाव बढ़ गया था। शिंदे गुट के नेता इस निर्णय से नाराज थे, क्योंकि इससे पहले इस पद पर शिंदे गुट के भरत गोगावले आसीन थे। हालांकि, अब सीएम फडणवीस ने डैमेज कंट्रोल करते हुए प्रताप सरनाईक को एसटी महामंडल का चेयरमैन बनाकर स्थिति को संभालने की कोशिश की है।
यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ समय से बीजेपी और शिंदे गुट के बीच तनातनी की खबरें सामने आ रही थीं। हाल ही में, शिंदे गुट के नेता अजय अशर को ‘मित्र’ संगठन से हटाए जाने के बाद यह तनाव और बढ़ गया था। लेकिन अब सीएम फडणवीस ने प्रताप सरनाईक को एसटी महामंडल की जिम्मेदारी देकर इस तनाव को कम करने की कोशिश की है।
महाराष्ट्र में एसटी महामंडल के चेयरमैन का पद हमेशा से ही राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है। अधिकांश समय, राज्य के परिवहन मंत्री ही इस पद पर रहे हैं। उदाहरण के लिए, 2014 से 2019 तक दिवाकर रावते परिवहन मंत्री और एसटी महामंडल के चेयरमैन दोनों पदों पर रहे। इसके बाद, महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान अनिल परब ने भी यह दोहरी जिम्मेदारी संभाली थी। जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे, तब वे खुद परिवहन मंत्री और एसटी महामंडल के चेयरमैन थे।
हालांकि, सीएम फडणवीस ने इस परंपरा को तोड़कर आईएएस अधिकारी संजय सेठी को यह जिम्मेदारी दी थी। लेकिन अब उन्होंने इस निर्णय पर यू-टर्न लेते हुए प्रताप सरनाईक को यह पद सौंपा है। इससे साफ है कि सीएम फडणवीस ने शिंदे गुट को खुश करने और महायुति गठबंधन में सद्भाव बनाए रखने की कोशिश की है।
महाराष्ट्र की राजनीति में यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि यहां बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर अक्सर तनाव देखने को मिलता है। ऐसे में, सीएम फडणवीस का यह निर्णय गठबंधन की एकता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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