उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh): सरकार और सुप्रीम कोर्ट की तमाम कोशिशों के बाद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आते हैं. मौसम के हालात भले कितने भी खराब क्यों न हो जाए, लेकिन किसान अपनी सुविधा के आगे किसी की सुनने को तैयार नहीं. ऐसे में कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा जिले में सैटेलाइट से निगरानी रखी जा रही है, ताकि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. इसका फायदा ये हुआ कि सैटेलाइट की मदद से अब तक 24 से ज्यादा किसानों पर कार्रवाई हो चुकी है और उनपर हजारों का जुर्माना भी लग चुका है. इतना ही नहीं जुर्माना के अलावा नोटिस देकर उनसे जवाब भी मांगा है. कृषि विभाग की ओर से लगातार इस पर निगरानी रखी जा रही है. यहां तक कि किसानों को पराली जलाने के नुकसानों के बारे में जागरुक भी किया जा रहा है, लेकिन हैरानी की बात है कि इतना सब होने के बावजूद वो पराली जलाते ही हैं.
पराली जलाने को लेकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सरकार काफी सख्त हो रही है. कृषि विभाग की ओर से किसानों को जागरुक करने का काम भी किया जा रहा है, कि पराली जलाने से पर्यावरण खतरे में पड़ता है, जिसका बुरा प्रभाव इंसानों के साथ-साथ अन्य जीव-जन्तुओं के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है, लेकिन किसानों की नासमझी का आलम ये है कि वो पराली जलाने से बाज आने का नाम ही नहीं लेते.
जब से सैटेलाइट के जरिये किसानों पर निगरानी रखी जाने लगी है, तब से अब तक दर्जनों से ज्यादा किसानों के द्वारा पराली जलाने की घटना सामने आ चुकी है. जांच में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बबेरू, अतर्रा और बांदा सहित कई जगहों पर किसानों ने बेधड़क पराली जलाई है. उनमें से करीब 22 किसानों से 1 लाख 32 हजार 500 रुपये का जुर्माना वसूला गया है. बाकी के किसानों की जांच हो रही है, जिसके बाद उनपर कार्रवाई की जाएगी.
किसानों को जागरुक करने के लिए कृषि विभाग की ओर से हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. कृषि विभाग का कहना है कि, पराली जलाने के बजाय इसे खेत में डाल दें जो खाद के रूप में काम देगी. फसलों के अवशेष से कंपोजिट खाद भी बनाई जा सकती है. लेकिन पराली को जलाने से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है. जो जीवाणु और केचुए खेत को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं, पराली जलाने से वो मर जाते हैं. यही नहीं पराली जलाने से फसलों की पैदावार क्षमता भी कम हो जाती है. इसलिए किसानों से अपील है कि पराली न जलाएं बल्कि उसका उपयोग खाद के रुप में करें.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के DM शक्ति नागपाल ने पराली जलाने को लेकर सभी तहसीलदार और SDM को अलर्ट कर दिया है. हर किसी को निगरानी रखने का आदेश दिया गया है, ताकि कोई किसान अगर पराली जलाते हुए नजर आए तो उसपर सख्त कार्रवाई की जा सके. यही नहीं, वहां के अफसरों को भी इस बात की चेतावनी दी गई है कि किसी किसान के द्वारा पराली जलाए जाने की घटना सामने आने पर अगर अफसरों ने उसका संज्ञान नहीं लिया, तो उस अफसर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.