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Vitthal Mallya Biography: जानिए उस शख्स की कहानी जिसने बनाई किंगफिशर, पर खुद कभी शराब नहीं पी

Vitthal Mallya Biography: जानिए उस शख्स की कहानी जिसने बनाई किंगफिशर, पर खुद कभी शराब नहीं पी

Vitthal Mallya Biography: भारत के शराब उद्योग का बादशाह विट्ठल माल्या खुद एक बूंद शराब नहीं पीते थे। फिर भी उन्होंने यूनाइटेड ब्रुअरीज साम्राज्य खड़ा कर दिया, जो आज भी किंगफिशर जैसी मशहूर बीयर बनाती है। विट्ठल माल्या जीवनी हमें बताती है कि कैसे एक साधारण छात्र ने बिजनेस की दुनिया में तूफान मचा दिया। सेना के डॉक्टर के घर 1924 में जन्मे विट्ठल ने कभी महंगी आदतें नहीं अपनाईं, लेकिन अवसरों को देखते ही पहचान लेते थे।

स्कूल के दिनों से ही विट्ठल माल्या ने कमाई शुरू कर दी। दून स्कूल के आखिरी साल में उन्होंने छोटा-मोटा बिजनेस शुरू किया। फिर कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान शेयर बाजार में हाथ आजमाया। छावनी शहरों में पल-बढ़कर उन्होंने देश की अलग-अलग संस्कृतियों को जाना। ये सबने उनकी नजर को तेज किया। 1946-47 में उन्होंने यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड के शेयर खरीदने शुरू किए। अगले साल 1947 में वे कंपनी के पहले भारतीय निदेशक बने। बस, यहीं से विजय माल्या पिता व्यवसाय की नींव पड़ी।

1952 में बैंगलोर आकर विट्ठल ने छोटी शराब कंपनियों और डिस्टिलरी खरीदना शुरू किया। पहला बड़ा कदम मैकडॉवेल का अधिग्रहण था। फिर कैरेव एंड कंपनी, हर्बर्टसन्स जैसी फर्म्स को अपने कब्जे में लिया। 1960 के दशक में केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा और बिहार में नई यूनिट्स लगाईं। 1970 के दशक में प्रीमियर, जुपिटर, पंजाब और इंडो-लोवेनब्राउ जैसी ब्रुअरीज हासिल कीं। शराबबंदी के दौर में जब दूसरे बिकने लगे, विट्ठल ने और खरीद लिया। इस चतुराई से उन्होंने मोहन मीकिन को पीछे छोड़ दिया और बीयर-शराब के बादशाह बन गए।

विट्ठल माल्या का साम्राज्य सिर्फ शराब तक सीमित न रहा। 1962 में किसान प्रोडक्ट्स खरीदकर फूड बिजनेस में कूदे। जैम, स्क्वैश, केचप पर उनका कब्जा हो गया। हर्बर्ट संस का डिपीज विभाग ले लिया। जम्मू-कश्मीर सरकार से 200 एकड़ जमीन ली और किसानों को हॉप्स के पौधे बांटे। सारी फसल खुद खरीदी, ताकि बीयर का अहम हिस्सा उनके हाथ में रहे। कैडबरी, बर्जर पेंट्स, हिंदुस्तान पॉलिमर्स, मैंगलोर फर्टिलाइजर्स जैसी कंपनियों का भी नेतृत्व किया। फिनिट कीटनाशक से घरेलू बाजार का 75 फीसदी हिस्सा हासिल किया। सिंगर सिलाई मशीन से लेकर दवाओं तक उनका असर फैला।

1981 तक विट्ठल माल्या के पास 10 ब्रुअरीज, 14 डिस्टिलरी, 7 प्रोसेस्ड फूड कंपनियां, 6 निवेश फर्म्स, पैकेजिंग यूनिट्स, दवा कंपनियां, सॉफ्ट ड्रिंक प्लांट्स और स्टाइरीन यूनिट्स थीं। कुल 30 से ज्यादा कंपनियां बैटरी से पेंट तक फैली हुईं। उनका छोटा 250-300 करोड़ का बिजनेस विशाल हो गया। यूनाइटेड ब्रुअरीज आज भारत की सबसे बड़ी बीयर कंपनी है। बाजार में 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा रखती है। मार्केट कैप ₹47,487 करोड़ है। हीनेकेन के पास 70.83 फीसदी शेयर हैं। किंगफिशर भारत की सबसे बिकने वाली बीयर है। प्रीमियम, स्ट्रॉन्ग, अल्ट्रा जैसे वेरिएंट्स के साथ हीनेकेन भी बनाती है।

विट्ठल माल्या का निजी जीवन सादा था। तीन शादियां कीं, पहली पत्नी से विजय माल्या पैदा हुए। महंगी पार्टियां या विदेशी घुमक्कड़ियां पसंद न थीं। बेटे को भी कम खर्चीला बनने की सीख दी। दिसंबर 1983 में 59 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। लेकिन उनका बनाया यूनाइटेड ब्रुअरीज साम्राज्य आज भी चमक रहा है।

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