केरल के तीन जिलों – मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिशूर में वेस्ट नाइल वायरस फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सफाई अभियान बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस बीमारी के अभी तक कम से कम दस मामले सामने आए हैं। वेस्ट नाइल वायरस मच्छरों से फैलता है और इससे फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में।
वेस्ट नाइल वायरस दरअसल मच्छरों से फैलने वाला वाला एक तरह का वायरस है। इससे फ्लू जैसे लक्षण होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में ये जानलेवा भी हो सकता है। ज़्यादातर ये किसी संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। अभी तक इंसान से इंसान में फैलने के मामले सामने नहीं आए हैं। हाल ही में दो लोगों की मौत भी इसी वायरस से होने का शक है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
क्या है वेस्ट नाइल वायरस?
ये मच्छरों से फैलने वाला वायरस है जो लोगों और कुछ पक्षियों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। आमतौर पर ये अफ्रीका, यूरोप, पश्चिम एशिया, और उत्तरी अमेरिका में मिलता है, लेकिन अब केरल समेत दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी इसके मामले मिल रहे हैं।
वेस्ट नाइल वायरस के लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द
- बदन-दर्द
- थकान
- उल्टी-दस्त
हालांकि, ज़्यादातर लोगों में वेस्ट नाइल वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखते। कुछ मामलों में ये वायरस दिमाग की सूजन (encephalitis) या मेनिन्जाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
कैसे करें बचाव?
DEET युक्त मच्छर भगाने वाले क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
पूरी बाज़ू के कपड़े पहनें, खासकर सुबह-शाम जब मच्छर ज़्यादा सक्रिय होते हैं।
अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें। टायर, बाल्टी, गमले वगैरह में पानी भरा छोड़ने से मच्छर पैदा होते हैं।
वेस्ट नाइल वायरस के लिए कोई खास टीका (वैक्सीन) या इलाज नहीं है। इसलिए बचाव बहुत ज़रूरी है। अगर बुखार, सिरदर्द या बदन दर्द जैसे लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।