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क्या है HMPV वायरस, ये H1N1 इंफ्लूएंजा से किस तरह अलग, जानें सबकुछ

HMPV वायरस
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कोविड-19 महामारी के बाद एक और वायरस, HMPV वायरस (HMPV Virus) ने चर्चा बटोरी है। चीन में इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं और अब ये भारत में भी दस्तक दे चुका है। कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में HMPV से संक्रमित 5 मामले दर्ज किए गए हैं। खास बात ये है कि भारत में संक्रमित सभी मरीज छोटे बच्चे हैं। इस वायरस का प्रकोप सर्दियों में अधिक देखा जाता है, जिससे ये सवाल उठता है कि ये वायरस कितना खतरनाक है और क्या ये H1N1 से अलग है?

HMPV वायरस क्या है?
HMPV, यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus), एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है। ये वायरस मुख्य रूप से सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है। इसके लक्षण फ्लू या सामान्य सर्दी जैसे होते हैं, जिनमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में कठिनाई शामिल है। ये खांसने, छींकने या संक्रमित व्यक्ति से निकट संपर्क में आने से फैलता है। हालांकि, ये वायरस गंभीर स्थिति में कम ही पहुंचता है और अधिकतर लोग तीन से छह दिन में ठीक हो जाते हैं।

H1N1 इंफ्लूएंजा और HMPV वायरस में क्या अंतर है?
स्वाइन फ्लू, जिसे H1N1 कहा जाता है, एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है। ये वायरस 2009 में महामारी बना और उस वर्ष लाखों लोगों की जान ले गया। H1N1 वायरस सूअर और पक्षियों से इंसानों में फैला था। इसके विपरीत, HMPV मुख्य रूप से मानवों में ही रहता है और सामान्य सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों का कारण बनता है। H1N1 अधिक घातक साबित हो सकता है, जबकि HMPV से अभी तक किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है।

क्या HMPV वायरस से डरने की जरूरत है?
भारतीय वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का मानना है कि HMPV नया नहीं है। ये पहले से मौजूद था, लेकिन हाल में इसके अधिक मामलों का पता चला है। ICMR के डॉ. रमन गंगाखेडकर के अनुसार, ये वायरस घातक नहीं है। हालांकि, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और छोटे बच्चों को एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है। HMPV के गंभीर संक्रमण से निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है।

कैसे करें बचाव?
HMPV से बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है। बार-बार हाथ धोना, भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना फायदेमंद है। अगर लक्षण गंभीर लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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