MUDA स्कैम: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर अर्बन डवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े एक कथित घोटाले में मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है। इस मामले में सिद्धारमैया ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई इस अनुमति ने राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है। इस आर्टिकल में हम इस मामले की पूरी जानकारी देंगे और समझेंगे कि आखिरकार MUDA स्कैम क्या है और इस पर क्या आरोप लगाए गए हैं।
सिद्धारमैया का इस्तीफे से इनकार: कैबिनेट का समर्थन
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने MUDA स्कैम के आरोपों के बावजूद अपने पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। राज्यपाल द्वारा केस चलाने की अनुमति मिलने के बाद उन्होंने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई, जिसमें कैबिनेट ने पूरी तरह से उनका समर्थन किया और राज्यपाल के फैसले की आलोचना की।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैंने क्या गलत किया है? इस्तीफा राज्यपाल को देना चाहिए, जो केंद्र सरकार के हाथों की कठपुतली हैं।” इस बयान के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और कई जगहों पर राज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए हैं।
क्या है MUDA स्कैम?
MUDA यानी मैसूर अर्बन डवलपमेंट अथॉरिटी ने 1992 में मैसूर के देवनूर में एक लेआउट विकसित करने के लिए प्लॉट्स का अधिग्रहण किया था। बाद में, 1998 में इस प्लॉट का एक हिस्सा डिनोटिफाई कर मालिकों को वापस कर दिया गया और इसे कृषि भूमि घोषित कर दिया गया। 2004 में, इसी टुकड़े का एक हिस्सा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के रिश्तेदारों ने खरीदा और बाद में इसे उपहार स्वरूप सिद्धारमैया की पत्नी को दे दिया।
जब जमीन का कब्जा लेने का समय आया, तो पता चला कि इस पर MUDA ने लेआउट बना दिया है। इसके बाद MUDA के खिलाफ कागजी कार्रवाई शुरू हुई। 2022-23 में बीजेपी सरकार ने इस जमीन पर 50/50 स्कीम के तहत प्लॉट्स जारी किए, जिससे यह मामला चर्चा में आ गया।
बीजेपी के आरोप और राजनीतिक प्रतिशोध
बीजेपी का आरोप है कि यह करीब 4000 करोड़ रुपये का घोटाला है, जिसमें सिद्धारमैया ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। बीजेपी का कहना है कि 1998 से 2023 तक सिद्धारमैया ने विभिन्न पदों पर रहते हुए इस घोटाले को अंजाम दिया। हालांकि, सिद्धारमैया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी गलत काम में हिस्सा नहीं लिया है और बीजेपी उन पर इसलिए हमला कर रही है क्योंकि वह ओबीसी समुदाय से आते हैं।
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