चेन्नई से एक ऐसा मामला सामने आया है जो मेडिकल जगत में हड़कंप मचा रहा है। व्हाट्सएप डिलीवरी केस (WhatsApp Delivery Case) के नाम से चर्चा में आए इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। एक दंपति ने मेडिकल एक्सपर्ट्स की सलाह को नजरअंदाज करते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों की सलाह पर घर में ही बच्चे को जन्म दिया।
चेन्नई के कुंद्राथुर क्षेत्र में रहने वाले मनोहरन और सुकन्या दंपति ने व्हाट्सएप डिलीवरी केस (WhatsApp Delivery Case) में एक नया अध्याय जोड़ा है। मनोहरन, जो एक अर्थमूवर ऑपरेटर हैं, ‘होम बर्थ एक्सपीरियंस’ नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्य थे, जिसमें 1,024 से अधिक लोग जुड़े हुए थे। इस ग्रुप में घरेलू प्रसव से संबंधित जानकारियां और अनुभव साझा किए जाते थे।
सुकन्या की तीसरी गर्भावस्था के दौरान दंपति ने एक बेहद खतरनाक निर्णय लिया। उन्होंने न केवल नियमित मेडिकल चेकअप को नजरअंदाज किया, बल्कि व्हाट्सएप ग्रुप से घरेलू प्रसव का खतरा (Dangerous Home Delivery Through WhatsApp Group) मोल लेते हुए घर पर ही डिलीवरी कराने का फैसला किया। 17 नवंबर को जब सुकन्या को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो मनोहरन ने व्हाट्सएप ग्रुप से मिली जानकारी के आधार पर खुद ही प्रसव कराया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कुंद्राथुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें मनोहरन पर चिकित्सा सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया। पुलिस ने जांच के दौरान मनोहरन के मोबाइल फोन की जांच की, जिससे व्हाट्सएप ग्रुप की गतिविधियों का पता चला।
यह घटना मेडिकल एक्सपर्ट्स के लिए चिंता का विषय बन गई है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रसव के दौरान कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनका सामना केवल प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ ही कर सकता है। सोशल मीडिया पर मिली जानकारी के आधार पर घरेलू प्रसव कराना मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।