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वॉट्सऐप भारत छोड़ देगा! भारत सरकार से क्यों छिड़ा है विवाद?

वॉट्सऐप भारत छोड़ देगा! भारत सरकार से क्यों छिड़ा है विवाद?

वॉट्सऐप, जिसके बिना शायद आजकल ज़िंदगी चल ही ना पाए, भारत के लिए गले की हड्डी बन गया है। भारत सरकार के साथ कंपनी का विवाद इतना बढ़ चुका है कि वॉट्सऐप ने कह दिया है कि अगर उसे मैसेजेस का ओरिजिनल सोर्स यानी कहां से शुरू हुआ ये बताने के लिए मजबूर किया गया, तो वह भारत छोड़ देगा!

वॉट्सऐप की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण है इसका एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन। इसका मतलब ये हुआ कि आपकी चैट सिर्फ़ आप और सामने वाला ही पढ़ सकता है, बीच में कोई नहीं, यहां तक कि वॉट्सऐप खुद भी नहीं। लेकिन इसी सुरक्षा फ़ीचर के कारण मुसीबतें भी खड़ी हो जाती हैं। जैसे कि फेक न्यूज़, अफवाहें, या भड़काऊ मैसेजेस का फ़ैलना – इन सबको रोकना और गलती करने वाले को पकड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है।

इसी समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने नए IT नियम लाए हैं। इन नियमों के तहत, वॉट्सऐप और उसकी जैसी दूसरी कंपनियों को ज़रूरत पड़ने पर ये बताना होगा कि किसी खास मैसेज का ओरिजनल सोर्स कहां है। वॉट्सऐप का मानना है कि ऐसा करने से यूज़र्स की प्राइवेसी खतरे में पड़ जाएगी और वो भारत में काम करना बंद कर देगा। मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने सरकार और वॉट्सऐप, दोनों से बीच का रास्ता खोजने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 14 अगस्त को होनी है।

ये मामला सिर्फ़ वॉट्सऐप बनाम भारत सरकार का नहीं है। इस विवाद के नतीजे का असर दुनिया भर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों पर होगा। एक तरफ यूज़र्स की प्राइवेसी का हक है, और दूसरी तरफ ऑनलाइन गलत कामों को रोकने और समाज में सुरक्षा बनाए रखने की ज़रूरत है। कई लोगों का मानना है कि इस नए नियम से सरकारी एजेंसियों को आम लोगों की निगरानी का ज़्यादा मौका मिलेगा, जबकि दूसरी तरफ तर्क दिया जा रहा है कि बिना ओरिजिनल सोर्स तक पहुंचे तो इंटरनेट के ज़रिए होने वाले अपराधों को कंट्रोल कर पाना असंभव जैसा हो जाएगा।

 ये विवाद साल 2021 में शुरू हुआ था, जब सरकार ने नए IT नियम लागू किए।

वॉट्सऐप के साथ-साथ Facebook (अब Meta), जिसकी वॉट्सऐप मालिक कंपनी है, ने भी इन नियमों के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे बाद में दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया।

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