अपने देसी जुगाड़ के लिए मशहूर, इसरो ने एक बार फिर कमाल कर दिया है। उन्होंने एक रॉकेट इंजन 3D प्रिंटिंग से बना डाला है, वो भी पूरा स्वदेशी। अब आसमान की ऊंचाइयों को छूने का सपना और आसान होगा।
इसरो का PSLV रॉकेट तो आपने सुना ही होगा। ये रॉकेट सैटेलाइट्स को उनकी जगह पहुंचाने का काम करता है। इस रॉकेट में जो PS4 इंजन लगता है, उसे इसरो ने अब 3D प्रिंटिंग से बना दिया है। ये इंजन रॉकेट को ऊपर की तरफ धकेलने में मदद करता है।
3D प्रिंटिंग से क्या फायदा?
इस टेक्नोलॉजी से इंजन के पुर्जे कम लगते हैं, जिससे वजन कम होता है और रॉकेट आसानी से ऊपर जा सकता है।
पहले इंजन बनाने में जोड़-तोड़ करनी पड़ती थी, वो झंझट भी अब खत्म।
पुराने तरीके से इंजन बनाने में समय और पैसा दोनों ज्यादा लगते थे, 3D प्रिंटिंग से ये सब बच जाएगा।
देसी कंपनी का कमाल
इस इंजन को बनाने वाली कंपनी भी पूरी देसी है – WIPRO 3D। इसरो ने इस काम के लिए इस कंपनी के साथ हाथ मिलाया है।
वैसे ये कंपनी 2012 से ही 3D प्रिंटिंग के काम में लगी हुई है।
क्या ये इंजन काम करेगा?
इसरो ने इस इंजन को 665 सेकंड तक टेस्ट किया है और सब कुछ सही रहा है।
अब जल्द ही इस इंजन का इस्तेमाल PSLV रॉकेट में किया जाएगा।
इस कामयाबी से इसरो ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वो दुनिया के बड़े-बड़े स्पेस एजेंसियों को टक्कर दे सकता है। देसी टेक्नोलॉजी से बने इस इंजन से देश को काफी फायदा होगा। अब रॉकेट लॉन्च करना और भी सस्ता और आसान हो जाएगा।
ये इंजन बनाने के लिए इसरो ने ‘लेजर पाउडर बेड फ्यूजन’ तकनीक का इस्तेमाल किया है। इस तकनीक से मेटल पाउडर की परत दर परत बिछाकर इंजन को आकार दिया जाता है।