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पीएम मोदी की रूस यात्रा क्यों है अहम: 5 ऐसे राज जो बदल सकते हैं भारत-रूस के रिश्ते!

पीएम मोदी , रूस यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार से रूस की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह पहला रूस दौरा है। पीएम मोदी रूस में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा होगी।

रूस-यूक्रेन संघर्ष और भारतीय नागरिकों की वापसी: पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत में रूस-यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा भी शामिल होगा। चर्चा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनकी वापसी पर भी जोर दिया जाएगा। खबरों के अनुसार, रूसी सेना में करीब 200 भारतीय नागरिकों को भर्ती किया गया है और कुछ की मौत भी हो चुकी है।

व्यापार और रक्षा संबंध: भारत और रूस के बीच व्यापार और रक्षा संबंधों पर भी बातचीत होगी। भारत रूस से कच्चा तेल खरीदता है और दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूत संबंध हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बातचीत में इन मुद्दों पर भी विचार होगा।

प्रधानमंत्री की अन्य गतिविधियां: पीएम मोदी रूस में भारतीय समुदाय से मिलेंगे और अज्ञात सैनिक की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके अलावा, वे मॉस्को में एक प्रदर्शनी स्थल का दौरा भी करेंगे। पीएम मोदी और पुतिन के बीच एक प्राइवेट डिनर का आयोजन भी होगा।

भारत-रूस के बीच संबंध: भारत और रूस के बीच 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं और यह 22वां शिखर सम्मेलन है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को लेकर सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है। पीएम मोदी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य इन संबंधों को और मजबूत करना है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे: विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक हित के मुद्दों पर भी बातचीत होगी। इसमें रक्षा, निवेश, शिक्षा और संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।

भारत की भूमिका: भारत हमेशा से कहता रहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से होना चाहिए। पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं से इस मुद्दे पर कई बार बात की है। भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है, बल्कि समाधान के लिए बातचीत का समर्थन किया है।

इस यात्रा से भारत और रूस के बीच संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों को आर्थिक और राजनीतिक लाभ मिलेगा।

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