पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच सीबीआई संदेशखाली जांच को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ लिया है। ममता बनर्जी की सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें राज्य में सीबीआई की जांच पर आपत्ति जताई गई है। यह याचिका 13 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। पश्चिम बंगाल सरकार का तर्क है कि उन्होंने सीबीआई जांच की अनुमति वापस ले ली है, फिर भी एजेंसी राज्य में मामलों की जांच जारी रखे हुए है।
यह विवाद मूल रूप से संदेशखाली मामले से उत्पन्न हुआ। 5 जनवरी, 2023 को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां के घर पर छापेमारी की। इस दौरान, टीएमसी समर्थकों ने कथित तौर पर ईडी अधिकारियों पर हमला किया, जिसमें तीन अधिकारी घायल हो गए। बाद में, शाहजहां पर कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के आरोप भी लगे। इन गंभीर आरोपों के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की।
जब ममता सरकार ने सीबीआई जांच की अनुमति देने से इनकार कर दिया, तो सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 10 अप्रैल को, उच्च न्यायालय ने संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। इसके बाद, सीबीआई ने महिलाओं के यौन शोषण के मामले में प्राथमिकी दर्ज की। यहीं से केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव बढ़ना शुरू हो गया।
सीबीआई, जिसका गठन 1946 में हुआ था और 1963 में इसका नाम बदलकर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन किया गया, मुख्य रूप से लोक सेवकों के भ्रष्टाचार, गंभीर आर्थिक अपराधों, धोखाधड़ी और संगठित अपराधों की जांच करती है। हालांकि, एजेंसी स्वतंत्र रूप से किसी मामले की जांच नहीं कर सकती; इसके लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक होती है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि सीबीआई को किसी राज्य में जांच करने के लिए उस राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता होती है। दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट (डीएसपीई) अधिनियम की धारा 6 के अनुसार, किसी राज्य की सीमाओं के भीतर जांच करने के लिए राज्य की पूर्व सहमति अनिवार्य है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय राज्य सरकार की सहमति के बिना भी सीबीआई को जांच का आदेश दे सकते हैं।
वर्तमान विवाद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 131 के दायरे में आता है, जो सर्वोच्च न्यायालय को केंद्र और राज्यों के बीच के मामलों की सुनवाई करने का अधिकार देता है। यह अनुच्छेद तीन प्रकार के विवादों को कवर करता है: केंद्र सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच के विवाद; केंद्र सरकार और कुछ राज्यों एवं अन्य राज्यों के बीच के विवाद; और दो या अधिक राज्यों के बीच के विवाद।
यह मामला पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच सीबीआई जांच के अधिकार को लेकर है। सर्वोच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई से यह स्पष्ट होगा कि क्या सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति के बिना मामलों की जांच करने का अधिकार है। यह निर्णय न केवल वर्तमान मामले के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि भविष्य में केंद्र-राज्य संबंधों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कार्यक्षेत्र को परिभाषित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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