World Rum Day: हर साल जुलाई के दूसरे शनिवार को विश्व रम दिवस मनाया जाता है, और इस साल यह दिन 13 जुलाई को है। अगर आप भी रम पीने के शौकीन हैं, तो इससे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से और तथ्यों के बारे में जानिए।
रम को कई तरह से प्रयोग किया जाता है, जैसे कॉकटेल बनाने में या शरीर को गर्म रखने के लिए। इस पेय की खासियत को ध्यान में रखते हुए, साल 2019 में वर्ल्ड रम डे की शुरुआत हुई थी। इस दिन को वर्ल्ड रम गाइड और स्पिरिट्स राइटर पॉल जैकसन ने लॉन्च किया था, ताकि रम प्रेमियों को इसका जश्न मनाने का मौका मिल सके।
रम का इतिहास काफी पुराना है। पहली बार 1920 के दशक में रम का डिस्टिलेशन किया गया था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शुरुआत में इसे औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। 18वीं शताब्दी में यात्री मुद्रा के रूप में भी रम का उपयोग होता था। पैसे नहीं होने पर लोग सामान के बदले रम का आदान-प्रदान करते थे।
रम बनाने की प्रक्रिया में गन्ने के रस का महत्वपूर्ण योगदान है। शुगर फ्रेश जूस, मोलासेस, या केन सिरप से इसे तैयार किया जाता है। 1970 के दशक में रॉयल नेवी अपने सैनिकों को राशन की तरह रम देती थी, क्योंकि माना जाता था कि इससे स्कर्वी से लड़ने में मदद मिलती है। हालांकि, बाद में इसे बैन कर दिया गया क्योंकि मशीनरी पर काम करते समय रम पीने से हाथ कांपने लगते थे।
रम के कई फायदे भी बताए जाते हैं, जिनमें से एक है बालों के झड़ने को रोकने में इसका फायदेमंद होना। 1800 के दशक में महिलाएं हेयर फॉल कंट्रोल के लिए रम को बालों पर लगाती थीं। इससे बाल मोटे और मजबूत होते थे।
रम को विभिन्न तरीकों से तैयार किया जाता है। डार्क रम को चार्ड ओक बैरल्स में रखा जाता है, जिससे इसे गहरा रंग और कॉम्प्लेक्स फ्लेवर मिलता है। इस रम में कैरेमल, मोलासेस, वनीला, और मसालों के नोट्स होते हैं, साथ ही थोड़ा ड्राई फ्रूट और तंबाकू का हिंट भी महसूस होता है।
लाइट रम, जिसे वाइट या सिल्वर रम भी कहा जाता है, क्लियर होती है और इसका फ्लेवर माइल्ड होता है। इसे फिल्टर किया जाता है, जिससे अशुद्धियां हट जाती हैं और रम की क्लैरिटी बढ़ जाती है। इसके फ्लेवर में हल्की मिठास, सिट्रस, और वनीला के नोट्स होते हैं।
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