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World’s Most Powerful Battery: एक बार चार्ज किया तो हजारों साल तक छुट्टी! वैज्ञानिकों ने बनाई दुनिया की सबसे ताकतवर बैटरी

एक बार चार्ज किया तो हजारों साल तक छुट्टी! वैज्ञानिकों ने बनाई दुनिया की सबसे ताकतवर बैटरी

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक बार चार्ज की गई बैटरी हजारों साल तक चल सकती है? यह अब केवल कल्पना नहीं रही। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे ताकतवर बैटरी (World’s Most Powerful Battery) विकसित की है, जिसे डायमंड बैटरी (Diamond Battery) कहा जा रहा है। इस तकनीक ने न केवल ऊर्जा क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाई हैं बल्कि भविष्य में इसके उपयोग की संभावनाएं भी असीमित हैं।


डायमंड बैटरी कैसे करती है काम?

डायमंड बैटरी की कार्यप्रणाली को समझना बेहद दिलचस्प है। यह बैटरी रेडियोएक्टिव पदार्थ कार्बन-14 (Carbon-14) के क्षय से ऊर्जा उत्पन्न करती है। कार्बन-14 एक रेडियोएक्टिव आइसोटोप है, जो आमतौर पर रेडियोकार्बन डेटिंग में उपयोग होता है।

इस बैटरी में डायमंड केसिंग (Diamond Casing) का उपयोग किया गया है, जो रेडिएशन को रोकने के साथ-साथ ऊर्जा को सुरक्षित रूप से संग्रहित करती है। यह सोलर पैनल की तरह काम करती है, लेकिन सूर्य के प्रकाश की जगह, यह रेडियोएक्टिव इलेक्ट्रॉन्स की तेज़ गति से बिजली बनाती है। डायमंड केसिंग की वजह से रेडिएशन बाहर नहीं निकलता, जिससे बैटरी पूरी तरह सुरक्षित होती है।


कितनी लंबी उम्र है इस बैटरी की?

डायमंड बैटरी की उम्र इसे दुनिया में सबसे अलग बनाती है। कार्बन-14 की अर्द्ध-आयु (Half-Life) 5,700 साल है। इसका मतलब है कि हजारों साल बाद भी इस बैटरी की आधी ऊर्जा बची रहेगी।
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी और UK एटॉमिक एनर्जी अथॉरिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह बैटरी माइक्रोवाट ऊर्जा (Microwatt Energy) को लगातार प्रदान कर सकती है, जो कई छोटे उपकरणों को पावर देने में सक्षम होगी।

यह तकनीक सिर्फ लंबी उम्र के कारण ही नहीं, बल्कि परमाणु कचरे (Nuclear Waste) को उपयोगी बनाने की क्षमता के कारण भी क्रांतिकारी है। इसमें इस्तेमाल होने वाला C-14 ग्रेफाइट परमाणु रिएक्टरों के बाईप्रोडक्ट से निकाला जाता है, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि परमाणु कचरे के निस्तारण का भी बेहतर तरीका है।


डायमंड बैटरी का उपयोग कहां संभव है?

डायमंड बैटरी का उपयोग उन स्थानों पर किया जा सकता है, जहां पारंपरिक बैटरी की पहुंच मुश्किल है।

हेल्थकेयर में उपयोग:

डायमंड बैटरियों का उपयोग पेसमेकर (Pacemaker), हियरिंग एड (Hearing Aid) और अन्य मेडिकल डिवाइस में किया जा सकता है। इन उपकरणों में बैटरी बदलने की समस्या खत्म हो जाएगी, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

अंतरिक्ष में उपयोग:

अंतरिक्ष मिशनों में यह बैटरी क्रांतिकारी साबित हो सकती है। सैटेलाइट्स (Satellites) और स्पेसक्राफ्ट्स (Spacecrafts) में हजारों साल तक बिना पावर की चिंता के रिसर्च और संचालन जारी रखा जा सकता है।

औद्योगिक उपयोग:

जहां बिजली पहुंचाना महंगा या असंभव है, जैसे सुदूर जंगल, समुद्र के नीचे या अन्य कठोर वातावरण, वहां यह बैटरी बेहद उपयोगी हो सकती है।


डायमंड बैटरी: ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति

डायमंड बैटरियां न केवल ऊर्जा क्षेत्र में नई क्रांति ला रही हैं, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी बढ़ा रही हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले समय में यह तकनीक हमारे जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी साबित होगी।
UKAEA की अधिकारी सारा क्लार्क के अनुसार, “डायमंड बैटरियां ऊर्जा के उत्पादन का सुरक्षित, टिकाऊ और प्रभावी तरीका हैं।”


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