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Guardians of Reserve Bank: कौन हैं रिजर्व बैंक के वो दो पत्थर के ‘द्वारपाल’, जो करते हैं देश की दौलत की रखवाली

Guardians of Reserve Bank: कौन हैं रिजर्व बैंक के वो दो पत्थर के 'द्वारपाल', जो करते हैं देश की दौलत की रखवाली

Guardians of Reserve Bank: दिल्ली में स्थित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की इमारत के मुख्य द्वार पर खड़े “यक्ष और यक्षिणी (Yaksha and Yakshini)” की विशाल मूर्तियां भारतीय संस्कृति और समृद्धि का अनोखा प्रतीक हैं. 1960 में स्थापित इन मूर्तियों का उद्देश्य देश की दौलत और खजाने की रक्षा का प्रतीकात्मक प्रदर्शन है. इन्हें प्रख्यात मूर्तिकार राम किंकर बैज ने तैयार किया था, जो प्राचीन भारतीय ग्रंथों और परंपराओं से प्रेरित थे.

यक्ष और यक्षिणी की कहानी

यक्ष और यक्षिणी धन और समृद्धि के देवता माने जाते हैं. भारतीय पौराणिक कथाओं में यक्षों को कुबेर के खजाने का रक्षक बताया गया है. इनका नाम ‘गुड गार्जियन’ के रूप में लिया जाता है, क्योंकि ये खजाने और दौलत को सुरक्षित रखते हैं.

यक्ष: एक पुरुष की आकृति, जो धन के थैले को पकड़े हुए दिखता है.
यक्षिणी: एक महिला की आकृति, जो समान रूप से धन और समृद्धि का प्रतीक है.
इन दोनों मूर्तियों की भव्यता और प्रतीकात्मकता रिजर्व बैंक को भारतीय संस्कृति से जोड़ती है.

नेहरू की कल्पना और राम किंकर बैज का योगदान

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश के शासकीय अंगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की वकालत की थी. इसी विचार के तहत, रिजर्व बैंक के प्रवेश द्वार पर इन मूर्तियों को स्थापित किया गया. इन मूर्तियों का उद्देश्य भारतीय कला, संस्कृति, और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना था.

राम किंकर बैज ने इन मूर्तियों को गढ़ते समय प्राचीन यक्ष परंपरा का पालन किया. उन्होंने यक्षों के मजबूत, भरोसेमंद और समृद्धि के प्रतीकात्मक रूप को आकार दिया, जिससे ये मूर्तियां आज भी भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करती हैं.

क्या हैं यक्ष?

यक्ष भारतीय पौराणिक कथाओं में पौराणिक चरित्र हैं. ये कुबेर के खजाने की रक्षा करने वाले प्राचीन रक्षक माने जाते थे. यक्ष और यक्षिणी भारतीय मूर्तिकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं.

  • धन और समृद्धि: यक्षों को प्राचीन भारत में धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था.
  • यक्ष परंपरा: यक्षों की पूजा 300 ईसा पूर्व से 200 ईसा पूर्व के बीच प्रचलित थी.
  • हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म: बाद में यक्षों को तीनों धर्मों में अलग-अलग तरीकों से शामिल किया गया.

रिजर्व बैंक में यक्षों का महत्व

रिजर्व बैंक के मुख्य द्वार पर स्थित यक्ष और यक्षिणी देश की दौलत और समृद्धि की रक्षा का प्रतीक हैं. ये मूर्तियां यह दर्शाती हैं कि भारतीय संस्कृति और परंपरा हमारे आधुनिक संस्थानों का अभिन्न हिस्सा हैं. इनका उद्देश्य न केवल सुरक्षा का संकेत देना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि दौलत और समृद्धि की रक्षा भारतीय मूल्यों के अनुरूप होनी चाहिए.

प्राचीन कला और आधुनिक संदेश

यक्ष और यक्षिणी केवल मूर्तियां नहीं हैं, बल्कि ये भारतीय संस्कृति, कला और अर्थव्यवस्था का संगम हैं. ये मूर्तियां न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती हैं, बल्कि वर्तमान में भी यह प्रेरणा देती हैं कि सुरक्षा और समृद्धि हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

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