मुंबई के उपभोक्ता आयोग ने एक बड़ा फ़ैसला सुनाया है। साल 2017 में सड़क दुर्घटना में मारे गए किसान की विधवा पत्नी को बीमा कंपनी को दो लाख रुपये का मुआवज़ा देना होगा।
सोलापुर के एक किसान की सब्जी मंडी से लौटते समय बस से टक्कर में मौत हो गई थी। सरकार की ‘गोपीनाथ मुंडे किसान दुर्घटना बीमा योजना’ के तहत किसान की पत्नी ने मुआवज़े का दावा किया था।
लेकिन, बीमा कंपनी ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि किसान की उम्र 75 साल से ज़्यादा थी। उपभोक्ता आयोग ने माना कि कंपनी ने मनमाने तरीके से सही दावे को ठुकराया है। आयोग ने बीमा कंपनी को किसान की विधवा को मुआवज़ा देने का आदेश दिया।
यह फ़ैसला उन किसान परिवारों के लिए राहत भरा है जो अक्सर बीमा कंपनियों के चक्कर में फंस जाते हैं। सरकार की इस योजना के तहत 10 से 75 साल के बीच के किसान दुर्घटना में मृत्यु के बीमा के हकदार हैं।
ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को राज्य सरकार ने इस योजना के लिए चुना था।