साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। फर्जी बैंक खाते (Fake Bank Accounts) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकार ने 4.5 लाख से अधिक संदिग्ध खातों को फ्रीज कर दिया है।
डिजिटल युग में साइबर अपराध का जाल
आज के डिजिटल युग में फर्जी बैंक खाते (Fake Bank Accounts) के जरिए होने वाली ठगी एक गंभीर समस्या बन गई है। साइबर अपराधी इन खातों का इस्तेमाल कर मासूम लोगों के पैसे को हड़प लेते हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में करीब 17,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
प्रमुख बैंकों में म्यूल अकाउंट की स्थिति
देश के बड़े बैंकों में म्यूल अकाउंट की संख्या चिंताजनक है। भारतीय स्टेट बैंक में सबसे अधिक 40,000 फर्जी खाते पाए गए हैं। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 10,000, केनरा बैंक में 7,000, कोटक महिंद्रा बैंक में 6,000 और एयरटेल पेमेंट्स बैंक में 5,000 खाते संदिग्ध पाए गए हैं। साइबर ठगी में बैंक खातों का दुरुपयोग (Bank Account Misuse in Cyber Fraud) रोकने के लिए सरकार ने इन सभी खातों को फ्रीज कर दिया है।
म्यूल अकाउंट का खतरनाक जाल
म्यूल अकाउंट एक ऐसा खाता होता है जिसमें एक व्यक्ति के नाम पर खाता खोला जाता है, लेकिन उसका इस्तेमाल कोई और करता है। अपराधी इन खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी जैसी गैरकानूनी गतिविधियों के लिए करते हैं। साइबर अपराधी पैसे निकालने के लिए तीन तरीकों – चेक, डिजिटल और एटीएम का इस्तेमाल करते हैं।
सरकारी कार्रवाई और भविष्य की योजना
गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। सरकार ने एक उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयी पैनल का गठन किया है जो इस समस्या से निपटने के लिए काम कर रहा है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को भी फर्जी खातों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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