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Nigambodh Ghat History: निगम बोध घाट का क्या इतिहास, जहां होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार

Nigambodh Ghat History: निगम बोध घाट का क्या इतिहास, जहां होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार

Nigambodh Ghat History: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दिल्ली के प्रसिद्ध निगम बोध घाट में अंतिम संस्कार होगा। यह घाट न केवल दिल्ली का सबसे व्यस्त श्मशान स्थल है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी बहुत गहरा है। इस लेख में हम निगम बोध घाट के इतिहास, धार्मिक मान्यताओं और यहां होने वाले प्रमुख अंतिम संस्कारों की जानकारी देंगे।

निगम बोध घाट का ऐतिहासिक महत्व

निगम बोध घाट दिल्ली के रिंग रोड पर कश्मीरी गेट के पास स्थित है और इसका इतिहास हजारों साल पुराना माना जाता है। कहा जाता है कि इस घाट की स्थापना महाभारत काल में हुई थी, जिसे पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर ने स्थापित किया था। घाट के पास स्थित नीली छतरी मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है, भी युधिष्ठिर द्वारा बनवाया गया बताया जाता है। यह मंदिर घाट की धार्मिक महत्ता को और बढ़ाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

निगम बोध घाट हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार के लिए जाना जाता है। ‘निगम बोध’ का अर्थ है वह स्थान जहां वेदों का बोध होता है, और मान्यता है कि इस स्थान पर आने से आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। यहां हिंदू धर्म के परंपरागत तरीकों से अंतिम संस्कार किया जाता है, जिसमें पवित्र मंत्रों और विधियों का पालन होता है।

घाट की आधुनिक स्थिति

निगम बोध घाट दिल्ली का सबसे व्यस्त श्मशान स्थल है, जहां एक दिन में लगभग 50 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान यह घाट उन दर्दनाक दृश्यों का गवाह बना, जब बड़ी संख्या में लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। यहां पर लकड़ी और इलेक्ट्रिक दोनों प्रकार के अंतिम संस्कार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

बड़ी हस्तियों का अंतिम संस्कार

निगम बोध घाट ने कई बड़ी राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों के अंतिम संस्कार का साक्षी रहा है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का 20 जुलाई 2019 को यहीं अंतिम संस्कार किया गया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का 24 अगस्त 2019 को यहीं अंतिम संस्कार हुआ था। इसके अलावा, अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज जैसी हस्तियों के अंतिम संस्कार भी इसी घाट पर संपन्न हुए थे।

मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ। उनका अंतिम संस्कार 27 दिसंबर 2024 को सुबह 11:45 बजे निगम बोध घाट पर होगा। मनमोहन सिंह का देश के प्रति योगदान और उनकी सादगी उन्हें भारतीय राजनीति का एक अमूल्य व्यक्तित्व बनाती है।

निष्कर्ष: एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल

निगम बोध घाट न केवल अंतिम संस्कार का स्थान है, बल्कि यह हमारी परंपराओं, धार्मिक मान्यताओं और इतिहास का प्रतीक भी है। मनमोहन सिंह जैसे महान व्यक्तित्व का यहां अंतिम संस्कार होना इस स्थल की पवित्रता और महत्व को और भी बढ़ा देता है। यह घाट हमें यह याद दिलाता है कि मृत्यु केवल जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।

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